डीसीपी सतीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह अपने हस्बैंड के साथ मिलकर काफी लोगों को निशाना बनाया था। दोनों को लगभग 3 साल पुराने डाबड़ी थाना में दर्ज मामले में द्वारका कोर्ट ने इस साल जनवरी में भगोड़ा घोषित कर दिया था। चीटिंग की वारदात को अंजाम देने के बाद इन लोगों ने फोन बंद कर लिया अपना ठिकाना बदल लिया। लोग इनके लेविस लाइफस्टाइल को देखकर झांसी में आ जाते थे और अपनी महंगी कमाई की रकम कॉन्ट्रैक्ट के लालच में गंवा देते थे। पुलिस टीम को इसके बारे में एक इनफार्मेशन मिली थी। जिसके आधार पर एसीपी रविंद्र कुमार राजपूत की देखरेख में इंस्पेक्टर पवन सिंह, सब इंस्पेक्टर अनुज छिकारा की टीम ने छापा मारकर जयपुर से मीनाक्षी अग्रवाल को गिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार मूलतः अहमदाबाद की रहने वाली आरोपी 22 साल पहले दिल्ली आ गई थी। 2009 में कॉमन फ्रेंड के जरिए इसकी मुलाकात अभिषेक से हुई और इसके बाद इसने दो साल बाद शादी कर ली। फिर बाद में कई फार्म खोल लिया और लोगों को अच्छे प्रॉफिट का लालच देकर चीटिंग करने लगे।
जेल फिर बेल और अब फिर जेल
चीटिंग के मामले में यह पहले गिरफ्तार हुई थी, लेकिन बेल मिलने के बाद यह फरार हो गई। दिल्ली से जाकर जयपुर में इसने रेडीमेड का बिजनेस शुरू कर दिया था। पुलिस के अनुसार इसके खिलाफ डाबड़ी थाना इलाके में रहने वाले एक शख्स ने चीटिंग का मामला दर्ज कराया था। उसने 50 लाख से ज्यादा की रकम इस महिला के कम्पनी के द्वारा इन्वेस्ट किया था। यह पति के साथ जगदंबा ट्रेडिंग कंपनी और सनी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से फार्म चलाती थी। उत्तम नगर के रहने वाले एक और शख्स ने इसके खिलाफ 3 करोड़ 18 लख रुपए का चीटिंग का मामला द्वारका नॉर्थ थाना में दर्ज कराया था। जिसमें रेलवे का टेंडर दिलाने के नाम पर इन्वेस्टमेंट करवाया गया था।