अफसरशाही के साथ तालमेल रहेगी चुनौती
दिल्ली में विधानसभा चुनाव में बेहद कम वक्त बचा है। ऐसे में आतिशी पर ये जिम्मेदारी होगी कि वे वही सब काम करें, जो अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री करना चाहते थे। हालांकि कानूनी बाधाओं की वजह से वे नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में आतिशी के लिए ये जरूरी होगा कि वे न सिर्फ वो फैसले लें बल्कि अफसरशाही के साथ इस तरह से तालमेल बिठाएं कि उन फैसलों को चुनाव से पहले जमीन पर उतारा भी जाए ताकि चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके।
उम्मीदों के मुताबिक काम करने की जिम्मेदारी
अब आतिशी के लिए केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की उम्मीदों के अनुरूप सरकार चलाने की जिम्मेदारी होगी। उन्हें न सिर्फ तेजी से फैसले लेने होंगे, बल्कि ये फैसले इस तरह से करने होंगे ताकि उन पर अमल करने में रोड़े न अटकाए जा सकें। खुद आम आदमी पार्टी आरोप लगाती रही है कि ‘राजनिवास’ बीजेपी के इशारे पर उन्हें काम नहीं करने दे रहा और अफसर भी उनकी राह में बाधा खड़ी करते हैं। इसके अलावा आने वाले दिनों में जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, आतिशी को विपक्षी पार्टियों के हमलों का भी सामना करना पड़ेगा।