रोड साइनेज को बदलने का प्लान
एनडीएमसी अफसरों के अनुसार, नई दिल्ली एरिया में कुल 119 सड़कें हैं, जिनकी लंबाई करीब 415 किमी है। सभी सड़कों पर पहले से ग्रीन कलर के 6439 रोड साइनेज लगे हैं, जो साल 2010 में लगाए गए थे। इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के नियमों के अनुसार, रोड साइनेज 10 साल तक ही बेहतर रिजल्ट दे सकते हैं। ऐसे में पुराने सभी रोड साइनेज को चेंज करने का प्लान बनाया गया है। वैज्ञानिक तरीके से बेहतरीन रोड साइनेज लगाने के लिए एनडीएमसी ने सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीआरआरआई) की मदद ली है।
सीआरआरआई ने ग्रीन के बजाय ब्लू कलर के रोड साइनेज लगाने की सिफारिश की है। सीआरआरआई का तर्क है कि ब्लू कलर के रोड साइनेज की कुल रिफ्लेक्टिव इफिशिएंसी 58 प्रतिशत होती है, जबकि बाकी रंगों की 32 प्रतिशत ही होती है। जितनी अधिक इफिशिएंसी होगी, उतना ही बड़ा ऑब्जर्वेशन एंगल बनेगा। ब्लू कलर के रोड साइनेज का ऑब्जर्वेशन एंगल 29 प्रतिशत होता है, जबकि बाकी रंगों का 16 प्रतिशत।
बीच में लिखी होगी स्पीड लिमिट
अफसरों के अनुसार, सीआरआरआई ने ब्लू रोड साइनेज में स्पीड लिमिट को बीच में लिखने का सुझाव दिया है, ताकि दूर से ही दिखाई दे। रोड साइनेज शीट टाइप-9 के बजाय टाइप-11 के लगाए जाएंगे। साइन बोर्ड के लिए एल्युमिनियम कंपोजिट मटीरियल का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, स्कूलों के आसपास लगने वाले 30 नए किस्म के रोड साइनेज भी लगाए जाएंगे। साइनेज पर पर इस बार फॉन्ट थोड़े बड़े रखे जाएंगे। लैंग्वेज पहले की तरह चार ही रहेंगे, जिसमें हिंदी, उर्दू, पंजाबी और अंग्रेजी होगी। रोड साइनेज बदलने का काम 12 महीनों में पूरा किया जाएगा। इस पर एनडीएमसी कुल 18 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी।