दिल्ली की तीसरी महिला सीएम
‘आप’ नेता आतिशी शनिवार को दिल्ली के छठे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना आतिशी समेत 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई। बीजेपी की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया। इससे पहले कालकाजी सीट से विधायक आतिशी, दिल्ली सरकार में कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।
सदन में साबित करेंगे बहुमत
आप नेता 26-27 सितंबर को बुलाए गए विशेष सत्र में 70 सदस्यीय विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगी। इससे पहले आतिशी मंगलवार शाम को केजरीवाल के साथ राज निवास में उपराज्यपाल से मिलने गई थीं। वहां, उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया और उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद उपराज्यपाल ने शपथ ग्रहण की तारीख 21 सितंबर प्रस्तावित की।
सौरभ भारद्वाज : पार्टी की मजबूत आवाज
ग्रेटर कैलाश सीट से तीन बार के विधायक सौरभ भारद्वाज को फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिली है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके राजनीति में आए भारद्वाज दिसंबर 2013 में 49 दिन की अरविंद केजरीवाल सरकार में परिवहन और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी थे। हालांकि, 2015 में जब ‘आप’ फिर से सत्ता में आई तो उन्हें हटा दिया गया। भारद्वाज (44) को ‘आप’ का पुरजोर बचाव करने और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर भाजपा पर तीखे हमले करने के लिए जाना जाता है। उनकी प्रसिद्ध होने का एक कारण 2017 में दिल्ली विधानसभा में ‘डमी मशीन’ के माध्यम से ईवीएम से छेड़छाड़ की संभावना को साबित करने की उनकी कोशिश भी है।
कैलाश गहलोत : केजरीवाल के विश्वासपात्र
शामिल कैलाश गहलोत को आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख का विश्वासपात्र कहा जाता है। गहलोत सीएम पद के लिए भी प्रमुख दावेदारों में शामिल थे। पचास वर्षीय विधायक गहलोत ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं और ‘आप’ के एक प्रमुख जाट नेता हैं, जिन्होंने 2015 और 2020 में दो बार नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। वर्ष 2017 में कपिल मिश्रा के इस्तीफे के बाद उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले गहलोत ने परिवहन, महिला एवं बाल विकास, गृह और आईटी जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाले।
गोपाल राय : पूर्वांचल का चेहरा
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बाबरपुर क्षेत्र से दो बार के विधायक गोपाल राय को मनोनीत मुख्यमंत्री आतिशी की अध्यक्षता वाली नयी मंत्रिपरिषद में बरकरार रखा गया है। राय पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के लंबे समय से सहयोगी हैं और आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। ‘आप’ के पूर्वांचली चेहरे राय पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से संबंध रखते हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में, वह भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दों पर छात्र राजनीति में सक्रिय थे और अभियान चलाते थे।
वह 2011 में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और केजरीवाल के नेतृत्व में ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन में शामिल थे। राय ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करते हुए 2013 में बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2017 में उन्हें ‘आप’ की दिल्ली इकाई का संयोजक नियुक्त किया गया, जिसके बाद से वह इस पद पर हैं।