सीधे यमुना में गिरती है नजफगढ़ ड्रेन
सिंचाई विभाग अफसरों के अनुसार नजफगढ़ ड्रेन की लंबाई करीब 57 किलोमीटर है। नजफगढ़ ड्रेन में नॉर्थ, नॉर्थ-वेस्ट और वेस्ट दिल्ली की रिहायशी, कमर्शल और इंडस्ट्रियल एरिया से निकलने वाली 74 सब-ड्रेन से पानी आता है। नजफगढ़ ड्रेन सीधे यमुना में गिरती है। पूर्वी दिल्ली की सबसे बड़ी ड्रेन शाहदरा ड्रेन है। इस ड्रेन की 44 सब-ड्रेन हैं, जिनसे अलग-अलग इलाकों से सीवेज वॉटर शाहदरा ड्रेन से यमुना में जाता है। नजफगढ़ ड्रेन दिल्ली के अलग-अलग इलाकों का करीब 64 प्रतिशत सीवेज वॉटर कैरी करती है।
शाहदरा और बारापूला ड्रेन का भी यही हाल
शाहदरा ड्रेन 24 प्रतिशत और बारापूला ड्रेन 12 प्रतिशत सीवेज वॉटर कैरी करती है। यानी नजफगढ़ और शाहदरा ड्रेन रोजाना जितना सीवेज वॉटर जनरेट होता है, उसका 88 प्रतिशत कैरी कर यमुना में ले जाती है। इन दोनों ड्रेन का सीवेज वॉटर ही ट्रैप न होने पर यमुना को पूरी तरह से साफ करना मुश्किल होगा और यमुना के पानी से पल्यूशन दूर नहीं किया जा सकता। अफसरों का कहना है जल बोर्ड के रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में रोजाना करीब 792 एमजीडी सीवेज वॉटर जनरेट होता है, जिसका 88 प्रतिशत करीब 670 एमजीडी है।
22 में केवल 9 ड्रेन को ही किया गया ट्रैप
यमुना के पानी पल्यूशन खत्म करने के लिए जिन 22 ड्रेन के गंदे पानी को ट्रैप करना है, उनमें से अबतक 9 ड्रेन को ही ट्रैप किया गया है। दिल्ली गेट और सेन नर्सिंग होम ड्रेन आधी ही ट्रैप हो पाई है। 9 ड्रेन के पानी को अबतक ट्रैप नहीं किया गया है। इन 9 ड्रेन के पानी को उन जगहों पर डायवर्ट कर दिया गया है, जहां एसटीपी हैं। वहां से पानी ट्रीट कर आगे दूसरे नाले में छोड़ा जाता है। 22 में से अबतक 9 ड्रेन ही पूरी तरह से ट्रैप हो पाई हैं।