स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर कई छात्राओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। हालांकि, इसका खुलासा उस समय हुआ जब एयरफोर्स के एक ग्रुप कैप्टन ने पूरे मामले को लेकर एक मेल किया। जैसे ही शिकायत दिल्ली पुलिस को मिली तो जांच तेज कर दी गई, जिसमें कई खुलासे सामने आ रहे।

स्वामी चैतन्यानंद पर पुलिस ने क्या बताया
हालांकि, इस बार दिल्ली पुलिस ने शिकायत मिलते ही जांच तेज कर दी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी पहले भी ऐसे मामलों में शामिल रहा है, लेकिन कभी गिरफ्तारी नहीं हुई। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के डी.सी.पी. अमित गोयल ने बताया कि कॉलेज के एक अधिकारी ने 4 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं को परेशान कर रहे थे।
ऐसे हुआ पूरे मामले का खुलासा
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, ये छात्राएं स्कॉलरशिप पर पढ़ाई कर रही थीं। एफआईआर के अनुसार, पी.ए. मुरली की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया। प्रशासन को धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में स्वामी की जांच करते समय यौन उत्पीड़न के बारे में पता चला। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, एक पूर्व छात्रा के पत्र और भारतीय वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन के ईमेल ने इस मामले को उजागर किया। दोनों ने इंस्टिट्यूट को लेकर अलग-अलग समय पर लेटर भेजे थे।
चैतन्यानंद सरस्वती और 3 महिला कर्मचारियों पर आरोप
इन पत्रों में चैतन्यानंद सरस्वती और तीन महिला कर्मचारियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। आरोपी उस इंस्टिट्यूट का प्रमुख था जो पोस्ट ग्रेजुएट मैनेजमेंट डिप्लोमा प्रदान करता है। यह इंस्टिट्यूट श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम से संबद्ध है। यह संगठन नौ राज्यों में आश्रम और शिक्षण संस्थान चलाता है। पुलिस एफआईआर के अनुसार, इस साल की शुरुआत में साउथ दिल्ली इंस्टिट्यूट से पास आउट हुई एक छात्रा ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को एक पत्र लिखा था।
इंस्टीट्यूट की छात्रा के लेटर से खुलासा 
छात्रा का ये पत्र 28 जुलाई को लिखा गया था और 31 जुलाई को प्राप्त हुआ था। छात्रा ने आरोप लगाया कि चैतन्यानंद ने कई गर्ल्स स्टूडेंट्स का यौन उत्पीड़न किया। पूर्व छात्रा के पत्र के बाद, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन ने एक ईमेल भेजा। उन्होंने कहा कि उन्हें महिला छात्रों से दुर्व्यवहार की शिकायतें मिली हैं। इंस्टिट्यूट ने भी अपने बयान में इसकी पुष्टि की है।
IAF के ग्रुप कैप्टन रैंक की ईमेल में क्या था
इंस्टिट्यूट ने बताया कि एक अगस्त को, वायुसेना के ग्रुप कैप्टन रैंक के एक अधिकारी से एक ईमेल प्राप्त हुआ। इसमें बताया गया कि उन्हें कई छात्राओं से शिकायत मिली है। शिकायतों में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की ओर से उनके प्रति मनमाने फैसले और प्रतिशोधी व्यवहार का आरोप लगाया गया। इसमें छात्राओं को देर रात वॉट्सऐप पर अश्लील मैसेज भेजने के मामले भी शामिल हैं। इन दो पत्रों के बाद, इंस्टिट्यूट की गवर्निंग काउंसिल ने 3 अगस्त को 30 से ज्यादा महिला छात्राओं के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की।
कैसे आगे बढ़ी मामले की जांच
पुलिस शिकायत में तीन महिला कर्मचारियों को भी नामजद किया गया है। इनमें एसोसिएट डीन भी शामिल हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने छात्राओं पर स्वामी के सामने झुकने का दबाव डाला और उनके खिलाफ उठाई गई शिकायतों को अनदेखा किया। इस बीच, कर्नाटक के श्रृंगेरी में श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम ने एक सार्वजनिक बयान जारी कर खुद को उससे अलग कर लिया है।
दो अलग-अलग मामले में दर्ज हुआ केस
पुलिस ने यह भी बताया कि उन्हें इंस्टिट्यूट के बेसमेंट में एक वोल्वो कार मिली है जिस पर जाली राजनयिक नंबर प्लेट लगी थी – 39 यूएन 1। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती इसी कार का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने बताया कि हमने 25 अगस्त को दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। एक यौन उत्पीड़न का और दूसरा जाली नंबर प्लेट का।
स्वामी चैतन्यानंद की तलाश तेज
पुलिस टीमें स्वामी चैतन्यानंद की तलाश कर रही हैं, और हम सभी महत्वपूर्ण सुरागों को जोड़ रहे हैं। यह मामला भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) की धारा 75(2) (यौन उत्पीड़न), 79 (शब्द, इशारा या कार्य जो महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया हो) और 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।
 
			
 
                                 
                              
		 
		 
		