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तिहाड़ जेल से अफजल गुरु और मकबूल भट्ट की कब्रें हटाई जाएं… दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा मामला – Delhi News Daily

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Last updated: September 23, 2025 2:04 am
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याचिका में आरोप लगाया गया कि इन कब्रों की मौजूदगी ने तिहाड़ केंद्रीय जेल को कट्टरपंथी तीर्थस्थल में बदल दिया है, जहां चरमपंथी तत्व दोषी ठहराए गए आतंकवादियों की पूजा करने के लिए इकट्ठा होते हैं। याचिका में कहा गया है कि भट्ट और गुरु दोनों ने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया। भट्ट को 1984 में और अफजल गुरु को फरवरी 2013 में फांसी दी गई थी।

Tihar jail
नई दिल्ली: तिहाड़ जेल से आतंकवादी मोहम्मद अफजल गुरु और मोहम्मद मकबूल भट्ट की कब्रों को हटाए जाने की मांग को लेकर एक याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की गई है। भट्ट को तिहाड़ जेल परिसर में फरवरी 1984 में, जबकि अफजल गुरु को फरवरी 2013 में फांसी दी गई थी। दोनों आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई गई थी और जेल में फांसी दी गई थी।

जनहित याचिका में संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि यदि आवश्यक हो तो शव को किसी गुप्त स्थान पर स्थानांतरित किया जाए ताकि आतंकवाद का महिमामंडन और जेल परिसर का दुरुपयोग रोका जा सके। हाई कोर्ट आमतौर पर बुधवार को ही जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करता है।

याचिका में कहा गया है कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा व सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करता है, बल्कि भारत के संविधान के तहत धर्मनिरपेक्षता और कानून के शासन के सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन करते हुए आतंकवाद को भी सही ठहराता है। याचिका में दावा किया गया कि जेल के अंदर इन कब्रों का होना दिल्ली कारागार नियमावली, 2018 के स्पष्ट प्रावधानों का उल्लंघन है।

याचिका में बताया गया है कि कोर्ट से शीघ्र हस्तक्षेप की गुहार करते हैं कि प्रतिवादियों को निर्देश दिया जाए कि वे तिहाड़ जेल से उक्त कब्रों को हटा कर उन्हें सुरक्षित और गुप्त स्थान पर पुनः स्थापित करें। जैसा कि अजमल कसाब और याकूब मेमन जैसे फांसी पाए आतंकवादियों के मामलों में स्थापित राज्य प्रथा के अनुसार हर सावधानी बरती गई थी ताकि उनकी महिमा मंडन से बचा जा सके।

विश्व वैदिक सनातन संघ और जितेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया कि केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित जेल के अंदर इन कब्रों का निर्माण और उनका निरंतर अस्तित्व अवैध, असंवैधानिक और जनहित के विरुद्ध है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्हें याचिका की सुनवाई की तारीख नहीं मिली, लेकिन इसे बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

पंकज सिंह

लेखक के बारे मेंपंकज सिंहपंकज सिंह, नवभारत टाइम्स डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर हैं। वह 18 साल से अधिक समय से पत्रकारिता से जुड़े हैं। करंट अफेयर्स, राजनीति, और ग्राउंड रिपोर्टिंग का अच्छा खासा अनुभव है। इस दौरान दिल्ली विधानसभा, रेलवे, लोकसभा चुनाव की रिपोर्टिंग के साथ ही पॉलिटिकल खबरें करते रहे हैं। NBT डिजिटल से पहले आज समाज (इंडिया न्यूज ग्रुप), ETV भारत, आज तक जैसे संस्थानों में कार्य किया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद प्रतिष्ठित भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।… और पढ़ें