Sign In

Delhi News Daily

  • Home
  • Fashion
  • Business
  • World News
  • Technology
  • Sports
  • Politics
  • Lifestyle
  • Entertainment
Reading: दिल्लीः मेरी बेटी के घाव किसने देखे, सुप्रीम कोर्ट का फैसला समझ से बाहर – Delhi News Daily
Share

Delhi News Daily

Font ResizerAa
Search
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Delhi News Daily > Blog > Entertainment > दिल्लीः मेरी बेटी के घाव किसने देखे, सुप्रीम कोर्ट का फैसला समझ से बाहर – Delhi News Daily
Entertainment

दिल्लीः मेरी बेटी के घाव किसने देखे, सुप्रीम कोर्ट का फैसला समझ से बाहर – Delhi News Daily

delhinewsdaily
Last updated: August 23, 2025 2:59 am
delhinewsdaily
Share
SHARE


सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पूठ कलां गांव की रहने 6 साल की छवि को कुत्ते ने बुरी तरह काट लिया था। 25 दिन बाद इलाज के दौरान छवि की अस्पताल में मौत हो गई थी। उसकी मां मंजू शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उनकी समझ से बाहर है।

SC took decision on dog incomprehensible
सुप्रीम कोर्ट का फैसला समझ से बाहर
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पूठ कलां गांव की रहने 6 साल की छवि शर्मा के परिवार के घाव ताजा कर दिए हैं। आज छवि इस दुनिया में नहीं है। 30 जून को उसे उसके घर के पास ही एक कुत्ते ने बुरी तरीके से काट लिया था। 25 दिन बाद इलाज के दौरान छवि की मौत हो गई थी। उसकी मां मंजू शर्मा ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उनकी समझ से बाहर है।

नया फैसला समझ से बाहर
कोर्ट के पहले के आदेश ने उन्हें थोड़ी राहत दी थी। फैसले के तुरंत बाद इलाकों से कुत्तों को पकड़ने का सिलसिला शुरू हुआ था, लेकिन नए फैसले में फिर से यह कहा गया है कि उन कुत्तों का वैक्सीनेशन करने के बाद दोबारा यही छोड़ दिया जाएगा। यह कौन तय करेगा कि किस कुत्ते में रेबीज है और किस में नहीं। हमारे पास तो इतना ताकत भी नहीं है कि हम किसी फैसले का विरोध कर सके या सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जता सकें। जो डॉग प्रेमी है, वह बड़े लोग हैं। बड़ी-बड़ी गाड़ियों में चलते हैं। बड़े-बड़े संस्थाओं तक उनकी पहुंच है।

मासूम बच्ची को कुत्ते ने बुरी तरह काट लिया था
मेरी बेटी घर में सबसे छोटी थी। वह आज इस दुनिया में नहीं है, जिसकी वजह स्ट्रीट डॉग है। इसके साथ ही वह अस्पताल भी इतना ही कसूरवार है, जिन्होंने सही से शुरुआती इलाज नहीं किया। आज मेरे लिए कोई संस्था खड़ा नहीं है, जो मेरी बात और मेरा विरोध ऊंचे स्वर में उठा सके। हां यहां पास में ही रहने वाले एक भैया है। वह मेरे लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे नहीं पता कि वह लड़ाई कब तक और कहां तक चलेगी। हमने कोर्ट का भी रुक किया है। अभी तक एमसीडी या सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद तक नहीं दी गई है। कुत्तों का वैक्सीनेशन हो यह अच्छी बात है, लेकिन कैसे होगा और किस स्तर पर होगा और यह कैसे डिसाइड होगा।

एनबीटी डेस्क

लेखक के बारे मेंएनबीटी डेस्कदेश, दुनिया, खेल की खबर हो या फिर सियासत के गलियारों की अंदर की बात, हर खबर आप तक पहुंचाता है NBT न्यूज डेस्क।… और पढ़ें