Delhi Air Quality Update: जैसे-जैसे ठंड आ रही प्रदूषण और स्मॉग की स्थिति बिगड़ती जा रही। एयर क्वालिटी में लगातार गिरावट से अब सांस लेना मुश्किल होता जा रहा। 5 वीडियो में देखिए दिल्ली एनसीआर में सोमवार सुबह कैसे रहे हालात।

दिल्ली में अभी क्या है एयर क्वालिटी की स्थिति
दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई 300 से 400 के बीच दर्ज किया गया, जो बहुत खराब से गंभीर प्रदूषण की स्थिति को दिखाता है। आसपास के शहरों में भी स्थिति बेहतर नहीं रही। फरीदाबाद में यह 312, गाजियाबाद में 318, ग्रेटर नोएडा में 325, गुरुग्राम में 328 और नोएडा में 310 रहा, जो सभी ‘बेहद खराब’ से लेकर ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं। सोमवार सुबह-सुबह दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी कैसी रही ये इन 5 वीडियो को देखकर समझ सकते हैं।1. दिल्ली में अक्षरधाम इलाके के आसपास धुंध की परत छाई हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, इलाके का AQI 379 है जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।
2. आनंद विहार इलाके के आसपास धुंध की परत छाई हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, इलाके का AQI 379 है जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।
3. तिलक मार्ग में आसपास के इलाके में धुंध की परत छाई हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, इलाके का AQI 376 है जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।
4. दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। ड्रोन वीडियो बारापुला से है।
5. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लोधी रोड पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, इलाके का AQI 237 है जो ‘खराब’ श्रेणी में है।
क्या कहते हैं पर्यावरण एक्सपर्ट
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी हवा में लंबे समय तक रहने से सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और दिल व फेफड़ों की बीमारियां बढ़ सकती हैं। कई लोगों ने पहले ही सांस फूलने, गले में खुजली और आंखों में चुभन की शिकायत की हैं। उधर, दिल्ली-एनसीआर में सर्दी भी बढ़ रही है। न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो सामान्य से 3 डिग्री कम है। दिन का तापमान 27-28 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है।
दिल्ली-एनसीआर में कैसा है मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, आसमान साफ रहेगा और 15-20 किलोमीटर प्रति घंटा की ठंडी हवा चलेगी, जिससे सुबह और शाम ज्यादा ठंड महसूस होगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि कम हवा की रफ्तार, तापमान में गिरावट और बढ़ी नमी के कारण हवा में मौजूद प्रदूषक ऊपर नहीं जा पा रहे हैं। इसके अलावा, आसपास के राज्यों में पराली जलाने से भी धुएँ की परत और गहरी हो रही है।
सरकार की ओर से भारी गाड़ियों पर रोक, निर्माण कार्यों पर नियंत्रण और एंटी-स्मॉग गन के इस्तेमाल करने जैसे कदमों के बावजूद हालात में ज्यादा सुधार नहीं दिख रहा है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग, खासकर बच्चे और बुजुर्ग, बाहर कम निकलें और बाहर जाने पर एन-95 मास्क पहनें।
