दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने द्वारका में ऑटोमेटिक एंटी-स्मॉग मिस्टिंग सिस्टम का उद्घाटन किया। यह डीडीए की पहल पर हवा में धूल और कणों को कम करने के लिए लगाया गया है। यह सिस्टम भविष्य में दिल्ली के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट साबित हो सकता है।

हर पोल पर लगे इतने नोजल
आपको बता दें कि हर पोल पर 30 नोजल लगाए गए हैं, जो करीब 5 मीटर (15 फीट) की ऊंचाई पर लगे हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा इलाके को कवर किया जा सके। इन नोजल्स से आरओ-ट्रीटेड पानी 2.8 लीटर प्रति घंटे के हिसाब से छोड़ा जाएगा।
पिछले साल शुरू हुआ था ट्रायल
पिछले साल नवंबर में जब दिल्ली गंभीर प्रदूषण की चपेट में थी, तब उपराज्यपाल ने द्वारका में इस सिस्टम का ट्रायल शुरू किया था। उस वक्त 550 मीटर लंबे हिस्से पर 14 पोल्स में नोजल लगाए गए थे। अब इसे अपग्रेड कर 6.8 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में लगाया गया है, जो सेक्टर-10 के चंदनवारी अपार्टमेंट से लेकर सेक्टर-19 के ओमैक्स मॉल तक और सेक्टर-20 के कमांड टैंक से लेकर सेक्टर-21 मेट्रो स्टेशन तक फैला है।
बनेगा मॉडल प्रोजेक्ट
हर साल सर्दियों में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्टस (AQI) कई बार 1000 तक पहुंच जाता है। गाड़ियो से निकलने वाला धुआं, निर्माण की धूल और आसपास के राज्यो में पराली जलाने से स्थिति और गंभीर हो जाती है। ऐसे में द्वारका का यह एंटी-स्मॉग मिस्टिंग सिस्टम राजधानी में भविष्य के लिए एक मॉडल साबित हो सकता है।
लोगों की भागीदारी जरूरी
एलजी ने कहा कि हर सर्दी में दिल्ली को गंभीर प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह पहल उसी दिशा में एक कदम है। सरकार कई उपाय कर रही है, लेकिन जनता का सहयोग भी उतना ही जरूरी है।
