दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में छह आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोपों को साबित करने में पूरी तरह से विफल रहा।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश परवीन सिंह छह लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिन पर गैरकानूनी रूप से एकत्र होने, दंगा, डकैती और आगजनी सहित विभिन्न अपराधों का आरोप लगाया गया था।
कोर्ट को नहीं मिले आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत
न्यायाधीश ने 23 जुलाई के आदेश में कहा, ‘मैंने पाया है कि अभियोजन पक्ष की कहानी में गंभीर विसंगतियां हैं जो अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के दौरान सामने आईं, और अभियोजन पक्ष उन्हें स्पष्ट करने में विफल रहा।’
उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार, मैं पाता हूं कि अभियोजन पक्ष किसी भी आरोपी के खिलाफ लगाए गए किसी भी आरोप को साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है। इसलिए सभी आरोपियों को उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी किया जाता है।’
इन छह आरोपियों के खिलाफ दाखिल किए गए थे आरोपपत्र
खजूरी खास थाने ने छह आरोपियों – राजेंद्र झा, तेजवीर चौधरी, राजेश झा, गोविंद सिंह मनराल, पीतांबर झा और देवेंद्र कुमार उर्फ मोनू पंडित के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।