दिल्ली की एक निचली अदालत ने दिल्ली दंगों के आरोपी जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है। उन्हें अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 16 दिसंबर से 29 दिसंबर तक 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया गया है।

कड़कड़डूमा कोर्ट में याचिका दायर की थी
खालिद ने 14 दिसंबर 2025 से 29 दिसंबर तक अंतरिम जमानत के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी बहन की शादी 27 दिसंबर को निर्धारित है और पारिवारिक समारोहों और तैयारियों के लिए उनकी उपस्थिति आवश्यक है। इसलिए कोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर कर ली।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में भी उमर खालिद को पारिवारिक शादी में शामिल होने के लिए 7 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। इससे पहले, 2022 में भी, उसे अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए एक सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई थी।
शर्तों के साथ अदालत ने दी जमानत
अपने आदेश में, अदालत ने कहा कि वह इस तथ्य पर विचार कर रही है कि विवाह आवेदक की सगी बहन का है, इसलिए जमानत दी जा सकती है। लेकिन अंतरिम राहत देते हुए, अदालत ने कई शर्तें भी लगाईं। खालिद को किसी भी गवाह या मामले से जुड़े किसी भी व्यक्ति से संपर्क नहीं करना है और उसे जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर देना होगा और जमानत अवधि के दौरान इसे सक्रिय रखना होगा।
जमानत अवधि के दौरान सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर रहेगी पाबंदी
अदालत ने आगे निर्देश दिया कि खालिद अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करें और केवल अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से ही मिलें। उन्हें या तो अपने घर पर या उन स्थानों पर रहना होगा जहां उनके द्वारा बताए गए विवाह समारोह आयोजित किए जाएंगे।
अदालत ने आदेश देते हुए कहा कि अंतरिम जमानत अवधि समाप्त होने के बाद खालिद को 29 दिसंबर की शाम को संबंधित जेल के अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा। इसके बाद अधीक्षक अदालत में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करेंगे।
