दिल्ली में गंभीर स्मॉग तीन गुना बढ़ गया है। यह वृद्धि 2009 की भूजल संरक्षण पॉलिसी के बाद हुई। इस पॉलिसी से धान की बिजाई में देरी हुई और पराली जलाने का समय बदला।

स्टडी में आया सामने
स्टडी के अनुसार 2010 में पंजाब और हरियाणा में 2009 भूजल संरक्षण पॉलिसी को लागू किया गया। इसकी वजह से धान की फसल की बिजाई में देरी हुई। फसलों के तैयार और कटाई के बीच का समय कम हो गया। इसकी वजह से जो पराली अक्टूबर में जल रही थी, वह नवंबर में जलनी शुरू हो गई।
स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं बढ़ीं
स्टडी के अनुसार इस बदलाव की वजह से दिल्ली के AQI स्तर में करीब 90 पॉइंट का इजाफा हुआ और गंभीर स्मॉग की अवधि में 275 प्रतिशत का उछाल आया। इस बदलाव की वजह से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं बढ़ गई है। 2021 अक्टूबर और नवंबर में 205 लोग बीमार हुए। अनुमान लगाया गया है कि 9979 अतिरिक्त साल लोगों ने गवाएं हैं।
एरोसोल बढ़ने से स्मॉग बढ़ा
स्टडी के दौरान एरोसोल करीब 40 प्रतिशत तक बढ़ा।इससे स्मॉग बढ़ी है। एरोसोल वह छोटे कण होते हैं जिसमें धूल, धुआं और अन्य प्रदूषक शामिल रहते हैं। यह सूर्य की रोशनी को धरती पर पहुंचने से रोकते हैं। ऐसा होने पर जमीन ठंडी हो जाती है, हवा ऊपर नहीं जा पाती और प्रदूषण नीचे ही बना रहता है।
