एमसीडी ने पार्किंग ठेकेदारों की मनमानी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5 पार्किंग स्थलों पर क्यूआर कोड व्यवस्था शुरू की गई है।

पैमेंट से पहले क्यूआर करना होगा स्कैन
इसके बाद जब वह पार्किंग से गाड़ी बाहर निकालेगा, तो दोबारा क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। इसके बाद घंटे के हिसाब से पार्किंग फीस स्क्रीन पर आ जाएगी। जिसकी पेमेंट ऑनलाइन भी कर सकेंगे। एमसीडी के अधिकारियों का कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे दिल्ली भर में लागू किया जाएगा।
ठेकेदारों ने तोड़ा नियम तो होगा एक्शन
एमसीडी अधिकारियों ने ठेकेदारों को आगाह किया है कि निर्धारित फीस से अधिक रकम वसूलने की शिकायत मिलते ही उनका टेंडर रद्द कर दिया जाएगा। एमसीडी जब किसी पार्किंग का टेंडर जारी करती है, तो उसी समय पार्किंग के रेट भी निर्धारित किए जाते हैं। जिसमें कार के लिए 20 रुपये प्रतिघंटर और 24 घंटे के 100 रुपये निर्धारित है। इसी तरह से टूवीलर के 10 रुपये प्रतिघंटा और 24 घंटे के 50 रुपये निर्धारित किए गए हैं।
एमसीडी को मिल रही थी शिकायतें
पिछले कई दिनों से एमसीडी को ऐसी शिकायत मिल रही थी कि कई पार्किंगों में ठेकदार गाड़ी खड़ी करने वालों से अपने मन मुताबिक किराया लेते हैं। जिसके बाद एमसीडी ने इस पर विचार किया। और पायलट प्रोजेक्ट के तहत अपनी पांच पार्किंगों में लागू कर दिया। अगर यह पहल काम कर जाती है तो पूरी दिल्ली में इसे लागू किया जाएगा।
