दिल्ली के विवेक विहार में हुई ₹2.5 करोड़ की डकैती का मास्टरमाइंड एक ‘वकील’ निकला, जो पीड़ित कारोबारी का जानकार बताया जा रहा है। पुलिस ने अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे ₹1.25 करोड़ से अधिक बरामद किए हैं। मुख्य आरोपी अभी भी फरार है, और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
कारोबारी का ये कथित जानकार अभी तक फरार, अब तक 6 आरोपी अरेस्ट
नई दिल्लीः विवेक विहार में सीबीआई की फर्जी रेड डालकर 19 अगस्त को हुई ढाई करोड़ रुपये की डकैती का मास्टरमाइंड एक ‘वकील’ निकला। वह पीड़ित कारोबारी का जानकार बताया जा रहा है। पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा है। पुलिस अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनसे 1 करोड़ 25 लाख 50 हजार रुपये बरामद हो गए हैं। अभी करीब सवा करोड़ रुपये रिकवर होने बाकी है। पुलिस अफसरों का दावा है कि वारदात में अभी कई आरोपी फरार है।
पहले एनजीओ के कुछ स्टाफ को पकड़ा
कारोबारी मनप्रीत सिंह (41) की शिकायत पर विवेक विहार थाने में 20 अगस्त को केस दर्ज किया गया था। पुलिस वारदात में इस्तेमाल दो कारों तक पहुंची। खुलासा हुआ कि साकेत मेट्रो स्टेशन के करीब सैदुलाजाब स्थित एक एनजीओ ने इन्हें किराये पर लिया था। पुलिस क्राइम ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) नाम के एनजीओ के ऑफिस पहुंची, जहां से एनजीओ की सेक्रेटरी असम निवासी पपोरी बरुआ (30) और तुगलकाबाद के दीपक (32) को गिरफ्तार किया। इनसे 1 करोड़ आठ लाख और 17 लाख 50 हजार रुपये बरामद कर लिए। इनसे पूछताछ के आधार पर एनजीओ के डायरेक्टर राम सिंह मीणा (62) को भी पकड़ा गया।
ऐसे डाली थी सरेशाम डकैती
गाजियाबाद निवासी मनप्रीत सिंह का प्रॉपर्टी डीलिंग, फाइनैस, कंस्ट्रक्शन, कमिशन और कंसल्टेंसी का कारोबार है। उन्होंने विवेक विहार के बी-ब्लॉक मे एक कोठी लीज पर ली थी, जहां ढाई करोड़ रुपये रखे थे। दो कारों में सवार होकर महिलाओं समेत सात लोग सीबीआई रेड बताते हुए मंगलवार शाम 6 बजे वहां पहुंचे। एक कार में ‘भारत सरकार’ लिखा था। एक कर्मचारी और कारोबारी के दोस्त की पिटाई कर ढाई करोड़ कैश कारों में भर लिया गया। आरोपी दोनों को अपने साथ ले गए और रास्ते में उन्हें फेंक दिया था।
लेखक के बारे मेंशंकर सिंहशंकर सिंह, नवभारत टाइम्स में असिस्टेंट एडिटर हैं। पत्रकारिता में 25 से भी ज्यादा वर्ष हो चुके हैं। छह साल से क्राइम कवर कर रहे हैं। NBT में 17 साल से हैं। इससे पहले पंजाब केसरी, दैनिक जागरण, अमर उजाला और जनसत्ता जैसे अखबारों में काम किया है। वह लंबे समय तक स्पोर्ट्स कवर करते रहे हैं। क्रिकेट और हॉकी वर्ल्ड कप जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट्स के अलावा आईपीएल और कॉमनवेल्थ गेम्स की कवरेज की। खेलों में ग्रासरूट से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक चलने वाले करप्शन को उजागर किया। दिल्ली के लोकल इश्यू, स्थानीय राजनीति और उत्तराखंड की संस्कृति पर मजबूत पकड़ होने से इन पर भी खूब लिखा है। अब क्राइम रिपोर्टिंग करते हुए दिल्ली समेत उत्तर भारत के राज्यों में फैलते संगठित अपराध करने वाले गिरोहों, इनका पुलिस के साथ गठजोड़, देश की जेलों और विदेश से ऑपरेट होने वाले क्राइम सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस के भ्रष्टाचार और साइबर क्राइम से जुड़े मामलों पर भी प्रहार किया है। खोजी पत्रकारिता के तहत ‘सच’ को सामने लाने के लिए एक्सक्लूसिव खबरें करने में माहिर हैं। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के 2020 के दंगों की तब ग्राउंड रिपोर्टिंग की, जब हिंसा अपने चरम पर थी। पुलिस के सहयोग से कई फंसे हुए परिवारों को दंगा प्रभावित क्षेत्र से सुरक्षित स्थानों में भेजने में मदद भी की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्याम लाल कॉलेज से बीएससी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से मास मीडिया में पीजी डिप्लोमा और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एलएलबी किया है।… और पढ़ें