आरएमएल अस्पताल में हृदय रोगियों को इलाज के लिए लंबी कतारों में लगना पड़ता है। सुजीत कुमार यादव अपनी तीन महीने की बेटी के इलाज के लिए 15 अगस्त से अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। उनकी बेटी को जन्म से ही दिल की बीमारी है।

अस्पताल के काट रहे चक्कर
तीन महीने की बेटी को है दिल की समस्या ऐसा ही कुछ हाल सुजीत कुमार यादव का भी है, जो अपनी तीन महीने की बेटी को लेकर 15 अगस्त से अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। उनकी बेटी को जन्म से ही दिल की बीमारी है। उनकी बेटी के दिल के दाहिने हिस्से से फेफड़ों तक खून ले जाने वाली में मुख्य नस (जिसे पल्मोनरी आर्टरी कहते समस्या है, जिसकी वजह से खून सही ढंग से पास नहीं हो पा रहा है। डॉक्टर ने ऑपरेशन की तारीख 24 सितंबर दी थी और उन्हें 22 सितंबर को भर्ती होने के लिए बुलाया था, लेकिन बेड खाली न होने की बात कहकर उन्हें वापस भेज दिया गया।सुजीत को सबसे बड़ी चिंता
सुजीत को अब यही चिंता सता रही है कि क्या कल उनकी बेटी का ऑपरेशन हो पाएगा या नहीं। सभी प्रक्रिया हो चुकी है पूरी, बस ऑपरेशन का इंतजार सुजीत बताते हैं कि वह 15 अगस्त को पहली बार अस्पताल आए थे और दूसरा महीना बीत गया है। अब जाकर ऑपरेशन की तारीख मिली है। उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन के लिए लगने वाली राशि उन्होंने 28 अगस्त को ही जमा करवा दी थी। बिना ऑपरेशन के बच्चे का दिल सही तरह से काम नहीं करेगा। परिजन का कहना है कि डॉक्टर की तरफ से पूरा सपोर्ट मिला है। यही वजह है कि हम जल्दी डेट मिल गई। मगर अब बेड कि डॉक्टर ने बुधवार को बुलाया है, जब ऑपरेशन की डेट है।
