साल दर साल बढ़े हादसे और मरने वाले
2024 में प्राइवेट कारों से जुड़े गंभीर हादसों में बढ़ोतरी देखी गई। 2023 में, 184 हादसे प्राइवेट गाड़ियों से जुड़ी थीं, जिनमें 187 लोग मारे गए थे। 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 240 हो गया और 248 मौते हुईं। वहीं टूवीलर भी संवेदनशील श्रेणी में आते हैं। अपराध में उनका योगदान भी कम नहीं है। 2024 में टूवीलर से जुड़े गंभीर हादसों की संख्या 155 से बढ़कर 187 हो गई, जिसमें मृतकों की संख्या 158 से बढ़कर 195 हो गई। भारी गाड़ियां जैसे ट्रक, टैंकर और ट्रेलर से जुड़ी दुर्घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। 2023 में 178 हादसे इन्हीं से हुए, जिनमें 191 लोग मारे गए, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 181 हो गई।
ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों पर सीसीटीवी से लगातार कंट्रोल रूम से नजर रखी जाती है और उन पर कारवाई की जाती है। इसके अलावा समय समय पर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जाता है। ट्रक मालिकों को भी ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वह ऐसे ट्रक ड्राइवरों को ही नौकरी पर रखे, जो ट्रैफिक मानकों को पूरा करते हो। इसके अलावा बस ड्राइवर, टूवीलर ड्राइवर, ऑटो ड्राइवर और अन्य ड्राइवरों को भी ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि वह ट्रैफिक नियमों का पालन करे और सड़क हादसे में कमी आ सके।
सत्यवीर कटारा, जॉइंट कमिश्नर (ट्रैफिक)
ट्रैफिक पुलिस ने लगा रखे है 443 कैमरेअभी दिल्ली में करीब 443 ट्रैफिक कैमरे लगे हैं। इसमें ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन करने वालों पर निगरानी के लिए 209 कैमरे लगाए गए हैं। वही 43 कैमरे ट्रैफिक लाइट जंक्शन पर लगाए गए हैं। यह कैमरे मुख्य चौराहे और रेड लाइट पर लगाए गए हैं। वहीं ओवरस्पीड पर नजर रखने के लिए रोड पर 66 कैमरे लगाए गए हैं। टोटल ओवरस्पीड पर नजर रखने के लिए 125 कैमरे लगे है। ओवरस्पीड कैमरे खुले रास्तों पर लगाए गए, जहां तेज गति से गाड़ी चलाने वालों पर नजर रखी जाती है।