बता दें कि शनिवार को टनल बोरिंग मशीन (TBM) ने #दिल्लीएरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर (गोल्डनलाइन) की रेलवे कॉलोनी स्टेशन साइट को तोड़ दिया। अपनी मेहनत के सफल होने के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अधिकारी और कर्मचारी बेहद खुश हुए।
बनाई जा रही हैं दो गोल सुरंगें
दरअसल, दिल्ली में एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर बन रहा है। इसके लिए दो गोल सुरंगें बन रही हैं। एक सुरंग बन चुकी है। दूसरी सुरंग जुलाई 2025 तक बनने की उम्मीद है। इन सुरंगों से लोगों का आना-जाना आसान हो जाएगा।
कंक्रीट के छल्लों का इस्तेमाल
यह नई सुरंग लगभग 18 मीटर की गहराई पर बनी है। सुरंग में 566 छल्ले लगाए गए हैं। सुरंग का अंदरूनी व्यास 5.8 मीटर है। इसे बनाने के लिए ‘अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड’ तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें पहले से बने कंक्रीट के छल्लों का इस्तेमाल हुआ है।
बराबर बना रहता है मिट्टी का दबाव
अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड एक ऐसी तकनीक है जिससे सुरंग बनाते समय मिट्टी का दबाव बराबर बना रहता है। इससे सुरंग धंसने का खतरा कम हो जाता है। सुरंग बनाने में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे काम जल्दी और सुरक्षित तरीके से हो रहा है।