दिल्ली के धौला कुआं बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट मामले में आरोपी ड्राइवर गगनप्रीत कौर को अदालत ने जमानत दे दी है। अदालत ने सीसीटीवी फुटेज और एफआईआर के बयानों में विरोधाभास को देखते हुए यह फैसला सुनाया। वकील ने दावा किया कि फुटेज में कार पहले फुटपाथ से टकराई थी।

आरोपी गगनप्रीत कौर की तरफ से पेश वकील प्रदीप राणा ने दावा किया कि अदालत में पेश की गई सीसीटीवी फुटेज और एफआईआर में दर्ज बयान आपस में मेल नहीं खाते। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और आरोपी को जमानत दे दी।
वकील का दावा-सीसीटीवी फुटेज और बयान दोनों अलग
वकील प्रदीप राणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अदालत में जो सीसीटीवी फुटेज पेश की गई है, वह एफआईआर के दावों से बिल्कुल अलग है। एफआईआर में कहा गया है कि वाहन को पीछे से टक्कर मारी गई थी, लेकिन सीसीटीवी में साफ दिख रहा है कि कार पहले फुटपाथ से टकराई थी। उसके बाद फ्लिपओवर हुई, तब बाइक के संपर्क में आई। बाद में बाइक सवार की टक्कर बस से भी हुई। सीसीटीवी के वीडियो एफआईआर से मेल नहीं खाते हैं।”
जमानत आदेश सुनाने से पहले, अदालत ने हादसे से कुछ ही सेकंड के अंतराल में पहुंची एंबुलेंस पर भी सवाल खड़ा किया। अदालत ने कहा कि कुछ ही सेकंड में एक एम्बुलेंस वहां पहुंच गई और 30 सेकंड तक वहीं रही। लेकिन घायलों को अस्पताल नहीं ले जाया गया। जबकि उन्हें कोई आपातकालीन काम नहीं था और वे सबसे नजदीकी आर्मी बेस अस्पताल जा रहे थे। इस एंबुलेंस का क्या किया जाना चाहिए?
जज ने पुलिस से सवाल करते हुए पूछा, क्या उन पर लापरवाही से हुई मौत का आरोप नहीं है? कोर्ट ने कहा कि पैरामेडिक के साथ एंबुलेंस घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए बाध्य थी। वहां पर सबसे अच्छी तरह से सुसज्जित गाड़ी मौजूद थी। एंबुलेंस 30 सेकंड के भीतर मौके से चली गई। क्या यह चिकित्सकीय लापरवाही नहीं है?
कैसे हुआ था हादसा?
नवजोत सिंह पत्नी के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारा से दर्शन करके घर लौट रहे थे। रास्ते में धौलाकुआं के पिलर नंबर 57 से राजा गार्डन की ओर जाते समय एक तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी थी। उस वक्त गगनप्रीत कार को चला रही थी। उनके बेटे नवनूर सिंह ने बताया था, “मां और पिताजी सुबह बाइक से बंगला साहिब के लिए निकले थे। घर लौटते समय एक बीएमडब्ल्यू कार से उनका एक्सीडेंट हो गया, जिसमें पिताजी की मौत हो गई। मां की हालत गंभीर है।”
