दरअसल, दिल्ली में होने वाले अपराध वो नहीं हैं, जो रोजाना मीडिया में नजर आते हैं, बल्कि ये ऐसे अपराध हैं, जिन्हें आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है। 31 मई 2025 तक के आंकड़ों को देखें तो कुछ और ही कहानी सामने आती है। इनमें गलत पार्किंग, पीयूसी का न होना, बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाना और बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना शामिल हैं।

दिल्ली में यातायात नियम टूटने के आंकड़े
कहीं भी गाड़ियां खड़ी कर देते हैं लोग
दिल्ली में अक्सर लोग ट्रैफिक नियमों को तोड़ते हुए दिख जाते हैं। गलत तरीके से गाड़ी पार्क करना सबसे बड़ा अपराध है। लेकिन दिल्ली के पश्चिमी रेंज में 1.03 लाख से ज्यादा मामले सिर्फ गलत पार्किंग के दर्ज हुए हैं। नई दिल्ली रेंज में 89,000 से ज्यादा और सेंट्रल रेंज में 70,498 मामले सामने आए हैं। मालवीय नगर की तंग गलियों से लेकर पंजाबी बाग के व्यस्त इलाकों तक, हर जगह यही हाल है। गाड़ियां ज्यादा हैं और जगह कम। लोग अपनी गाड़ियां कहीं भी खड़ी कर देते हैं, चाहे वो फुटपाथ हो या किसी के घर का रास्ता।
दो लाख 45 हजार से ज्यादा मामले
दिल्ली के अंदर बिना हेलमेट के बाइक चलाना भी एक बड़ी समस्या है। पांचों रेंज में 2 लाख 45 हजार 727 मामले दर्ज हुए हैं। नई दिल्ली रेंज में ये टॉप 5 अपराधों में शामिल नहीं है। पश्चिमी रेंज में सबसे ज्यादा 57,064 मामले दर्ज हुए हैं। सेंट्रल, पूर्वी और उत्तरी रेंज में भी 50,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। बार-बार कहने और सख्ती करने के बाद भी लोग हेलमेट को जरूरी नहीं समझते। पीछे बैठने वाले तो बिलकुल भी नहीं पहनते हैं।