दिल्ली ब्लास्ट में जान गंवाने वाले अमर कटारिया अगले महीने अपना 34वां जन्मदिन मनाने वाले थे। परिवार 17 दिसंबर को जन्मदिन मनाने की तैयारी भी कर रहा था लेकिन घर में मातम और सन्नाटा है।

धमाके की जगह मिला फोन
लेकिन कॉल ठीक से कनेक्ट नहीं हो पाई। कुछ मिनट बाद जब जगदीश ने दोबारा फोन किया, तो फोन किसी और महिला ने उठाया। उसने कहा , ‘यह फोन मुझे धमाके की जगह पर मिला।’ यह सुनकर जगदीश का दिल बैठ गया। उन्होंने फौरन अपने बेटे का दूसरा नंबर मिलाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जब परिवार लाल किला इलाके में पहुंचा, तो पता चला कि अमर को एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया है।
टैटू से हुई पहचान
परिवार घंटों तक इंतजार करता रहा। बाद में डॉक्टरों ने बताया कि अमर को सिर में गंभीर चोटें आई थीं। देर रात उनकी पहचान उनके टैटू से हुई, जिस पर लिखा था-‘Mom my first love, Dad my strength’
घर में सिर्फ मातम और सन्नाटा
मंगलवार सुबह अमर के पिता जगदीश ने बेटे का अंतिम संस्कार किया। उन्होंने कहा, ‘मेरा पोता अभी सितंबर में तीन साल का हुआ है। बहू कृति खुद को संभालने की कोशिश कर रही है, लेकिन समझ नहीं पा रही कि बेटे को बिना पिता के कैसे बड़ा करेगी।’ अमर कटारिया मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले थे, लेकिन उन्होंने और उनकी बहन ने पूरा जीवन दिल्ली में बिताया। परिवार 17 दिसंबर को अमर का 34वां जन्मदिन मनाने की तैयारी कर रहा था। अब घर में सिर्फ मातम और सन्नाटा है।
