पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया गुरुवार को विशेषाधिकार समिति की बैठक में शामिल नहीं हुए। यह बैठक ‘फांसी घर’ की प्रामाणिकता का पता लगाने के लिए बुलाई गई थी।

विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष प्रद्युम्न सिंह राजपूत ने कहा कि समिति ने अब उन्हें अपना पक्ष रखने का एक और अवसर दिया है।ऐसे में उनकी उपस्थिति की अगली तारीख 20 नवंबर तय की है। आम आदमी पार्टी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। बैठक के दौरान, समिति ने ‘फांसी घर’ की प्रामाणिकता से संबंधित मामले की जांच जारी रखी। इसका उद्घाटन 9 अगस्त, 2022 को दिल्ली विधानसभा परिसर में किया गया था।
क्या अगली मीटिंग में पहुंचेंगे केजरीवाल?
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उन्होंने मामले से जुड़े दस्तावेजों, पृष्ठभूमि रिकॉर्ड और अन्य सामग्री की समीक्षा की। यह विषय अब भी मूल्यांकन के अधीन है और समिति जांच के लिए आवश्यक प्रक्रियात्मक पहलुओं और तथ्यात्मक स्पष्टीकरणों पर विचार कर रही है।
समिति ने इस बात पर जोर दिया कि आगामी बैठक जांच को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होगी। बयान में कहा गया, समिति आज उपस्थित नहीं हुए व्यक्तियों से अपेक्षा करती है कि वे अगली बैठक में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें ताकि उनके बयान और स्पष्टीकरण विधिवत दर्ज किए जा सकें। जांच के समय पर पूरा होने और इसके प्रभावी निष्कर्ष के लिए सभी संबंधित पक्षों का सहयोग आवश्यक है।
हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं केजरीवाल
केजरीवाल और सिसोदिया इस मामले में पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके हैं। समन को चुनौती देते हुए उनकी दलील है कि नोटिस से पता चलता है कि कार्यवाही किसी शिकायत या रिपोर्ट पर आधारित नहीं है या इसका विशेषाधिकार हनन या अवमानना से भी कोई संबंध नहीं है।
हालांकि, मंगलवार को अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनकी याचिका ‘स्वीकार्य नहीं’ है। ‘फांसी घर’ का उद्घाटन विधानसभा परिसर में केजरीवाल और सिसोदिया की मौजूदगी में हुआ था, जब वे क्रमशः दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत थे। केजरीवाल मुख्य अतिथि थे, तत्कालीन उपसभापति राखी बिड़ला विशिष्ट अतिथि थीं और गोयल ने समारोह की अध्यक्षता की थी।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया था टिफिन रूम
अगस्त में मानसून सत्र के दौरान, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन को बताया कि तथाकथित ब्रिटिशकालीन ‘फांसी घर’ जिसका उद्घाटन केजरीवाल ने 2022 में नवीनीकरण के बाद बड़े धूमधाम से विधानसभा परिसर में किया था, वह वास्तव में एक ‘टिफिन रूम’ था। विधानसभा परिसर का 1912 का नक्शा दिखाते हुए गुप्ता ने कहा था कि ऐसा कोई दस्तावेज या सबूत नहीं है जिससे पता चले कि उस जगह का इस्तेमाल फांसी देने के लिए किया जाता था। उन्होंने मामले को जांच और रिपोर्ट के लिए समिति को भेज दिया था।
