दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गई है। वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। पंजाब में पराली जलाने और रात भर चले पटाखों से यह स्थिति बनी है। लोगों को आंखों में जलन और गले में खराश जैसी दिक्कतें हो रही हैं। आने वाले दिनों में प्रदूषण और बढ़ सकता है।

दिल्ली में एक दिन पहले शाम 4 बजे का एक्यूआई 311 रहा जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था। इससे ठीक एक दिन पहले यह 202 था। धुंध बुधवार रात से ही छाने लगी थी जो अगले दिन गुरुवार तक बनी रही। प्रदूषण के कारण आंखों में पानी आने और गला खराब के साथ-साथ त्वचा में खुजली होने की समस्याएं भी लोगों में देखी गईं।
पराली जलाने का रहा 9.48% योगदान
जानकारी के मुताबिक दूसरे राज्यों में पराली जलाने का दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में अनुमानित 9.48% का योगदान रहा, जो इस सर्दी में अब तक का सबसे अधिक है। पूर्वानुमानों से पता चलता है कि यह हिस्सा बढ़कर 38% हो सकता है।
हर साल ठंड में हो जाकी है समस्या
बता दें कि राजधानी में ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण की परेशानी सबसे गंभीर स्तर पर पहुंच जाती है। इस मौसम में हवाओं का शांत होना, तापमान का गिरना और पराली जलाने से निकलने वाला धुआं होने के कारण आपातकाल जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। पिछले आंकड़े बताते हैं कि पराली की आग आमतौर पर नवंबर के पहले हफ्ते में चरम पर होती है, पिछले साल एक दिन में यह 35% और 2021 में 48% तक पहुंच गई थी।
