

स्थानीय निवासी सड़कों और फुटपाथों पर लगे खोमचों और रेहड़ियों से भी परेशान हैं। उनका कहना है कि अब पैदल चलने की भी जगह नहीं बची है। एक निवासी ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा, “मुखर्जी नगर वालों की पुकार है — कहां हो मेयर राजा इकबाल? मुझे याद नहीं, आखिरी बार उन्हें इलाके में कब देखा था। यहां की हालत किसी प्रमाण की मोहताज नहीं है। आप किसी भी पार्क में चले जाइए, न फुटपाथ सही हैं, न सफाई।”
दूसरे निवासी ने कहा, “यहां भाजपा का पार्षद भी है, और विधायक भी, लेकिन हालात जस के तस हैं। रेहड़ी-खोमचे वालों ने पूरे फुटपाथ पर कब्जा कर रखा है। क्या ये नेताओं को नहीं दिखता? चुनाव के समय सबके चेहरे कुछ और होते हैं, जीतने के बाद कोई पहचान में नहीं आता।”
इलाके में बढ़ते जन रोष को देखते हुए विपक्षी दल भी सक्रिय हो गए हैं। वे इस मुद्दे को लेकर घर-घर जा रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी सरकार व पार्षद के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।