दिल्ली सरकार यमुना को साफ करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है। बाहरी दिल्ली के सैकड़ों इलाकों से निकलने वाले गंदे पानी को अब नजफगढ़ ड्रेन में सीधे नहीं छोड़ा जाएगा।

27 महीने में होगा तैयार
जल बोर्ड के अफसरों के अनुसार, बाहरी दिल्ली ऐसा इलाका है, जहां से नजफगढ़ ड्रेन में रोजाना सैकड़ों एमजीडी गंदा पानी जाता है। नजफगढ़ ड्रेन से पानी यमुना में जाता है और यमुना गंदी होती है। दिल्ली सरकार ने यमुना की सफाई के लिए कई जगहों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का प्लान तैयार किया है।
इतने दिनों में कंप्लीट करना होगा एसटीपी
इसी में ताजपुर खुर्द भी एक स्थान है। यहां 25,546 वर्ग मीटर एरिया में नई तकनीक पर आधारित मॉडर्न एसटीपी का निर्माण किया जाएगा। जहां एसटीपी का निर्माण किया जाएगा, वहां से अवैध कॉलोनियों से निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीट कर पाइप लाइन के जरिये नजफगढ़ ड्रेन में छोड़ा जाएगा। सभी अवैध कॉलोनियों से गंदे पानी को एसटीपी तक लाने के लिए सीवर नेटवर्क डिवेलप करने का प्लान है। एसटीपी को कंप्लीट करने की डेडलाइन 27 महीने रखी गई है।
क्या है प्लान
बाहरी दिल्ली के सैकड़ों इलाकों से रोज निकलने वाले गंदे पानी को इसमे किया जाएगा।
ट्रीट गंदे पानी को एसटीपी में ट्रीट करने के बाद पाइपलाइन के जरिये नजफगढ़ ड्रेन में छोड़ा जाएगा।
अभी कॉलोनियो का गंदा पानी सीधे नजफगढ़ ड्रेन में जाता है और वहां से यह यमुना में गिरता है।
बिछेगा सीवर नेटवर्क
ताजपुर खुर्द से द्वारका सेक्टर-17 तक सीवर नेटवर्क बिछाया जाएगा। एसटीपी में पानी को ट्रीट कर नजफगढ़ ड्रेन में छोड़ा जाएगा। कॉलोनियों के गंदे पानी को एसटीपी तक पंप करने के लिए कुछ जगहों पर सीवेज पंपिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे।