उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि राज्यसभा सचिवालय जल्द ही पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की याद में लेक्चर सीरीज शुरू करेगा। उन्होंने ये भी कहा कि चंद्रशेखर की स्मृति में वन-टाइम फेलोशिप भी दी जाएगी।

चंद्रशेखर की स्मृति में वन-टाइम फेलोशिप
धनखड़ ने कहा कि चंद्रशेखर की स्मृति में वन-टाइम फेलोशिप भी दी जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि इस महान नेता के सभी कार्यों और एक्टीविटीज को कंपाइल किया जा सके। उन्हें एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाए। यह काम उसी समिति द्वारा किया जाएगा, जो चंद्रशेखर की स्मृति में आयोजित व्याख्यान श्रृंखला (Lecture series) की देख-रेख करेगी।
पार्टी के भीतर लोकतंत्र के लिए कार्य किया
उन्होंने आगे ये भी कहा कि चन्द्रशेखर को भारत के महानतम सपूतों में से एक बताया, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खड़े रहे। धनखड़ ने कहा कि चंद्रशेखर को एक युवा नेता के रूप में जाना जाता था। उन्होंने पार्टी के भीतर लोकतंत्र के लिए कार्य किया।
वह एक फियरलेस पॉलिटिशियन थे
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह एक फियरलेस पॉलिटिशियन थे। एक ऐसे राजनेता जिन्होंने हमेशा एक जननायक की तरह काम किया। जब भारत के राष्ट्रवाद की बात आई तो उन्होंने अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आराम की परवाह नहीं की तथा उन्होंने हमेशा हमें गौरवान्वित किया। चन्द्रशेखर का जन्म 17 अप्रैल, 1927 को बलिया में हुआ था। उनका निधन 8 जुलाई, 2007 को हुआ। वह नवंबर 1990 से जून 1991 तक प्रधानमंत्री रहे।