शिव नादर स्कूल की राधिका ओझा को ‘प्रोजेक्ट राहत’ के लिए सीओडब्ल्यूई इंडिया यंगप्रेन्योर्स समिट 2025 में सम्मानित किया गया। राधिका की पहल शहरी स्थानों को समावेशी और टिकाऊ बनाने पर केंद्रित है।

क्यों मिला ये सम्मान?
राधिका को उनकी पहल ‘प्रोजेक्ट राहत’ के लिए सम्मानित किया गया। ये प्रोजेक्ट शहरी स्थानों को समावेशिता, स्थिरता और गरिमा के साथ पुनः परिभाषित करती है। एक सहानुभूतिशील भविष्य की ओर कदम उठाने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है। ‘राइजिंग स्टार्स: मेड इन माइंड, बिल्ट इन भारत’, विषय पर आयोजित इस शिखर सम्मेलन में युवा भारतीय प्रतिभाओं के परिवर्तनकारी विचारों पर प्रकाश डाला गया। इनमें से, राधिका का ‘प्रोजेक्ट राहत’ अपने साहसिक मिशन के लिए उभर कर सामने आया। ये प्रोजेक्ट प्रतिकूल वास्तुकला की जगह ऐसे शहरी डिजाइन को तैयार करने पर जोर देता है जो समाज के सबसे कमजोर लोगों- स्कूल गार्ड, बस चालक, श्रमिक, बच्चों और बुजुर्गों को ध्यान में रखकर तैयार किए जाएं।
स्थानीय कारीगरों को सपोर्ट
‘प्रोजेक्ट राहत’ परंपरागत टेराकोटा शिल्प कौशल और अत्याधुनिक सस्टेनेबल डिजाइन के विचारपूर्ण मिश्रण के माध्यम से प्राकृतिक रूप से कूल पवेलियन, नए सिरे से डिजाइन किए गए बस शेल्टर और मानवीय गार्ड पॉड पेश करता है। ऐसे स्थान जो अत्यधिक गर्मी से राहत प्रदान करते हैं, साथ ही सामुदायिक मेलजोल को भी बढ़ावा देते हैं। यह पहल स्थानीय कारीगरों को सपोर्ट करती है, सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखती है और भारत के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के संकल्प के साथ तालमेल बिठाती है।
स्कूल को सफलता का श्रेय
राधिका अपनी सफलता का श्रेय नोएडा स्थित शिव नादर स्कूल में मिले प्रोत्साहन और इनोवेशन के माहौल को देते हुए कहती हैं कि ‘यह सराहना सिर्फ़ मेरे प्रयासों की ही नहीं बल्कि, मेरे स्कूल द्वारा मुझमें डाले गए मूल्यों- सहानुभूति की भावना, रचनात्मकता और ज़िम्मेदारी को भी दर्शाती है। यह मुझे याद दिलाता है कि युवा आवाजें शहरी जगहों की नई कल्पना कर सकती हैं। ये कंक्रीट के जंगल के रूप में नहीं, बल्कि गरिमा, आरामदायक और समावेशन के आश्रय-स्थलों के रूप में। शिव नादर स्कूल में, मुझे इस दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने का साहस मिला है’।
इन राज्यों में हो रही चर्चा
‘प्रोजेक्ट राहत’ पहले से ही दिल्ली, नोएडा और गुजरात में लागू किए जाने को लेकर चर्चा में है। यह सबको साथ लेकर चलने वाला, जलवायु-अनुकूल शहरी डिज़ाइन के लिए एक विस्तारणीय ब्लूप्रिंट प्रदान करता है। इस प्रोजेक्ट को इस मॉडल के रूप में सराहा जा रहा है कि कैसे युवा दिमाग, सहायक संस्थानों के मार्गदर्शन में, स्थानीय समाधानों के साथ वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।