तीनों पुनरीक्षण याचिका खारिज
अदालत ने बिभव कुमार को अप्रमाणित दस्तावेज मुहैया कराने के अदालती आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की पुनरीक्षण याचिका को भी खारिज कर दिया। एडिशनल सेशन जज राज कुमार ने एक सामान्य आदेश के जरिए तीनों पुनरीक्षण याचिकाओं को खारिज कर दिया। एक पुनरीक्षण में बिभव कुमार ने 30 जुलाई, 2024 के आदेशों को चुनौती दी थी। इसके तहत अपराध का संज्ञान तीस हजारी कोर्ट ने लिया था।
दूसरे पुनरीक्षण में, बिभव कुमार ने तीस हजारी में मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा पारित 12 मार्च, 2024 के आदेशों को चुनौती दी थी।इसके तहत मुख्य सत्र मामला मजिस्ट्रेट द्वारा सत्र अदालत को सौंप दिया गया था। आपराधिक पुनरीक्षण में पुनरीक्षणकर्ता/अभियुक्त की शिकायत यह थी कि ट्रायल कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 207/208 के प्रावधानों का पालन किए बिना मामले को सत्र अदालत को सौंप दिया था।
अधूरे आरोपपत्र का जिक्र
तीसरे पुनरीक्षण में, दिल्ली पुलिस ने एलडी की तरफ से पारित 22 अक्टूबर, 2024 के आदेशों को चुनौती दी। ट्रायल कोर्ट ने अभियोजन पक्ष/राज्य को आरोपी को अप्रकाशित दस्तावेजों की सूची देने का निर्देश दिया। पुनरीक्षण को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि पुनरीक्षणकर्ता/आरोपी की मुख्य शिकायत यह है कि शिकायतकर्ता पर हमला करने की कथित साजिश के संबंध में आगे की जांच लंबित है और इस प्रकार, साजिश के अपराध के संबंध में आरोप पत्र अधूरा है।