Delhi Metro: दिल्ली में आरके आश्रम से जनकपुरी वेस्ट तक बन रहे नए मेट्रो कॉरिडोर में सदर बाजार में मुश्किलें आ रही हैं। जर्जर इमारतों के कारण डीएमआरसी को काम करने में परेशानी हो रही है, हाल ही में एक इमारत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

मिठाईपुल की इस घटना के बाद डीएमआरसी ने एक और इमारत को सील कर दिया। इसमें लगभग 200 दुकानें हैं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की इस कार्रवाई के बाद व्यापारियों में काफी गुस्सा है। इस सील की गई दुकानों में करण सेठी की दुकान भी है। उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि मैं अपनी दुकान अब कब खोल पाऊंगा। मेरे जीएसटी के कागज भी उसी दुकान में रखे हैं। मेरे कस्टमर इधर-उधर से सामान खरीद रहे हैं। पता नहीं हम कब फिर से दुकान खोल पाएंगे।’
जमीन के नीचे से जाएगी मेट्रो
डीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि इलाके में जगह की कमी के कारण मेट्रो लाइन जमीन के नीचे से जाएगी। उन्होंने कहा कि नबी करीम और सदन सदर बाजार के बीच का दो किलोमीटर का हिस्सा काफी भीड़भाड़ वाला है। यहां पर कई ऐसे इमारतें हैं जो कि नियम के अनुसार नहीं बनी है। डीएमआरसी को यहां पर जमीन में भी दिक्कत आ रही है।
क्या आ रही समस्या?
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी अधिकारी अनुज दयाल ने बताया कि जमीन में माइका शिस्ट की परतें हैं। जो कि चट्टानें कमजोर होती हैं। वहीं यहां पर पानी का स्तर भी काफी ऊपर है। इससे काम में रुकावट आ रही है। वहीं यहां पर इमारतों के नक्शे भी नहीं हैं। कई इमारतें तो बिना नींव के कई मंजिल की बनी हुई हैं। अधिकारी ने बताया कि कई इमारतों में तो गोदाम बने हुए हैं। इन समस्याओं के कारण डीएमआरसी को सदर बाजार स्टेशन बनाने में करीब एक साल का समय लगेगा। यह स्टेशन जमीन से 22 मीटर नीचे बनेगा। वहीं व्यापारियों को कारोबार के नुकसान होने की चिंता सता रही है।
दुकानदारों को सता रहा दुकान गिरने का डर
वहीं इस इलाके के दुकानदार ललित चौधरी ने कहा कि मेट्रो के काम से उनकी दुकान के नीचे की जमीन खोखली हो गई है। उन्हें डर है कि सहारा हटाने के बाद उनकी इमारत गिर जाएगी। दुकानदार प्रेम गोयल ने कहा कि निर्माण कार्य से इलाके में जलभराव बढ़ गया है।
वहीं इमारतों के खाली कराने पर डीएमआरसी ने कहा, इमारतों को सिर्फ सावधानी के लिए खाली कराया गया था। दयाल ने कहा कि DMRC लगातार बाजार एसोसिएशन और इमारत में रहने वालों के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि इमारतों को सुरक्षित पाए जाने पर लोगों को वापस आने दिया जाएगा। दयाल ने यह भी कहा कि बिना अनुमति के बनाए गए बेसमेंट खतरनाक स्थिति में हैं। इसलिए, DMRC स्थानीय लोगों और सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर एक योजना बना रहा है। वहीं इलाके को सुरक्षित बनाने के लिए हजारों क्यूबिक मीटर कंक्रीट भी डाला गया है।