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10 हज़ार करोड़ खर्च, फिर भी अधूरे हैं 24 अस्पताल, दिल्ली सरकार को अब करीब 20 हजार करोड़ की जरूरत – Delhi News Daily

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Last updated: July 11, 2025 10:37 am
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दिल्ली राजधानी में लंबे समय से बन रहे 24 अस्पताल दिल्ली सरकार और दिल्ली वासियों के लिए चिंता की वजह बने हुए हैं। दरअसल, पिछली सरकार के समय इन अस्पतालों को बनाने का काम की शुरू हुआ था। लेकिन अब तक एक भी अस्पताल जनता की सेवा के लिए तैयार नहीं हो पाया है।

24 hospitals incomplete in delhi
24 अस्पताल दिल्ली सरकार और दिल्ली वासियों के लिए चिंता की वजह बने हुए हैं

नई दिल्लीः राजधानी में लंबे समय से बन रहे 24 अस्पताल दिल्ली सरकार और दिल्ली वासियों के लिए चिंता की वजह बने हुए हैं। इन अस्पतालों पर अब तक लगभग 10000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके है, लेकिन इनका काम अभी भी अधूरा है। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ हेल्थ एक्सपर्ट की बैठक में भी इसे मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की गई और काम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।

20 हजार करोड़ की जरूरत
दरअसल, पिछली सरकार के समय इन अस्पतालों को बनाने का काम की शुरू हुआ था। लेकिन अब तक एक भी अस्पताल जनता की सेवा के लिए तैयार नहीं हो पाया है। उपराज्यपाल ऑफिस में हुई बैठक में चर्चा के दौरान कहा गया कि अगर इन अस्पतालों का काम पूरा भी कर लिया जाए, तब भी ये अस्पताल मरीजों को पर्याप्त मेडिकल केयर देने की स्थिति में नहीं होंगे। ऐसे में इन अधूरे पड़े अस्पतालों को पूरी तरह चालू करने के लिए करीब 20,000 करोड़ रुपये और खर्च करने की जरूरत पड़ सकती है।

व्यापक कार्ययोजना बनाने के निर्देश
हालांकि, सूत्रों के अनुसार इन सभी अस्पतालों को शुरू करने के लिए बजट के साथ-साथ मैनपावर की उपलब्धता भी एक चुनौती हो सकती है। इनमें लगभग 38 हजार लोगों की जरूरत हो सकती है। इसमें डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी शामिल है। यही नहीं, सभी अस्पतालों को शुरू करने के बाद भी हर साल औसतन 8 हजार करोड़ रुपये के बजट की जरूरत होगी। दिल्ली सरकार आबादी के हिसाब से बेड्स की संख्या बढ़ाने की ओर फोकस कर रही है। इस समय दिल्ली की में हर एक हजार लोगों पर सिर्फ 2.5 बेड्स ही हैं।

अस्पतालों के शुरू होने के बाद 16,186 बेड्स बढ़ जाएंगे
बता दें कि बैठक में अधिकारियों को प्रति हजार पर कम से कम 3 बेड्स सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इन 24 अस्पतालों के शुरू होने के बाद 16,186 बेड्स बढ़ जाएंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक में मुख्यमंत्री ने स्थिति को देखते हुए निर्देश दिया कि वे अधूरे पड़े अस्पतालों के लिए तुरंत वैकल्पिक योजना तैयार करें।