ब्लाइंड केस को सुलझाने था मुश्किल
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील ने बताया कि पुलिस के लिए यह टफ केस था। मृतक की कोई पहचान नहीं थी। आसपास की डिटेल नहीं थी। लेकिन पुलिस ने हर छोटे-छोटे क्लू को चेक किया। उसके आधार पर शव को ऑटो में दिल्ली से गाजियाबाद लेकर आने वाले चालक विकास और उसके बाद इस हत्या में शामिल धनंजय को पकड़ा गया। जिसका हत्या की गई वह मोतिहारी बिहार का रहने वाला राजू नामक युवक था। उसकी पहचान उसके फूफा गणेश ने की है। इस मामले में आरोपी विकास परमात्मा फरार है, उसकी तलाश की जा रही है। ब्लाइंड केस पर काम कर आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम को पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद अजय कुमार मिश्र की तरफ से 25 हजार रुपये के इनाम देने के लिए कहा गया है। साथ ही डीसीपी ट्रांस हिंडन ने भी 10 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
आरोपी ने नशा करने वाले युवक को बनाया टारगेट
पूछताछ में आरोपी धंनजय ने बताया कि वह कुछ समय पहले ही बिहार से आया था। खाना बनाने का काम करता है। विकास उर्फ मोटा उसका दोस्त है। उसके माध्यम से उसकी मुलाकात विकास परमात्मा से हुई थी। वे दोनों ताहिरपुर में एक मकान में किराए पर रहते थे। विकास परमात्मा उसे रुपये कमाने के तरीके के बारे में बताता था। उसने बताया कि वह तंत्र विद्या जानता है। अगर उसे एक सिर मिल जाए तो उसकी खोपड़ी का प्रयोग कर वह रुपये कमवा सकता है। इसके लिए उसने 5 लाख रुपये देने का वादा किया। धनंजय को हमदर्द चौराहा दिल्ली में एक राजू नाम का युवक मिला। वह काफी नशा करता था, ऐसे में उन्होंने उसे टारगेट किया। 15 जून को मुलाकात के बाद वह कई बार उससे मिला। इसके बाद वह 21 जून को राजू को और नशा करवाने के लिए अपने साथ दिल्ली में विकास परमात्मा के घर लेकर गया।
गमछे से गला दबाकर मारा, फिर गाजियाबाद लाकर काटा सिर
राजू को काफी शराब पिलाई गई। उसके काफी नशे में होने पर गमछे से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद वह विकास उर्फ मोटा के दिल्ली नंबर के ऑटो में बॉडी को डालकर शव को करीब 2 से ढाई बजे के बीच लोनी भौपुरा रोड पर लाए। यहां सुनसान जगह देखकर बॉडी को ऑटो से उतारकर मीट काटने वाले चाकू से गर्दन काट दी। धड़ को वहीं छोड़कर सिर को एक बाल्टी में डालकर ले गए।
7 दिन किया तंत्र-मंत्र, फिर खोपड़ी क्रेक होने की बात कह हुआ फरार
आरोपियों ने बताया कि हत्या के बाद सिर से आंख वगैरहा अलग कर सिर्फ खोपड़ी विकास परमात्मा ने अपने पास रखी। 7 दिन तक उसके साथ तंत्र-मंत्र करता रहा। जब कुछ नहीं हुआ तो अपने साथियों को बताया कि खोपड़ी में एक क्रेक है, इस कारण काम नहीं बना। फिर वह खोपड़ी को ठिकाने लगाने की बात कह फरार हो गया।
एक धुंधली फुटेज से साफ हुई केस की तस्वीर
डीसीपी निमिष पाटील ने बताया कि एसीपी सिद्धार्थ गौतम के साथ टीला मोड़ थाने की फोर्स और स्वाट टीम इस केस में लगी थी। 22 को जून को बॉडी मिलने के बाद शव अज्ञात था। उसकी कोई गुमशुदगी दर्ज होने की सूचना भी नहीं मिली थी। टीम ने जिपनेट समेत कई सोर्स से पहचान करने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जिसके बाद टीम को एक आठवें फ्लोर लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज मिला। यह फुटेज धुंधली थी। इसमें एक ऑटो दिखा, उसका नंबर क्लियर नहीं था, लेकिन ट्रायंगल शेप का रिफ्लेक्टर लगा हुआ था। उसके आधार पर आगे के कैमरों को चेक किया। कुछ ऑटो चिन्हित हुए। एक ऑटो जो नंदनगरी का था, उसके बारे में जानकारी की तो उसके मालिक के बारे में पता, यह ऑटो विकास उर्फ मोटा चलाता था। इसके बाद धंनजय और फिर मास्टरमाइंड विकास परमात्मा के बारे में पता चला।