सीसीटीवी और रजिस्ट्रेशन नंबर से हुई गैंग की पहचान
महिला से शिकायत मिलने पर डोमेस्टिक एयरपोर्ट थाना में मामला दर्ज करके छानबीन शुरू की गई। पुलिस टीम ने सीसीटीवी कैमरा चेक किया। पीड़ित महिला जिस डिपार्चर एरिया में पहुंची थी, वहां के फुटेज की भी जांच की गई। फिर दलाल और एयरपोर्ट स्टाफ की पहचान की गई। रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर कैब ड्राइवर तक पुलिस पहुंची उसके बाद तीनों को गिरफ्तार किया गया।
7 से 8 किलोमीटर की दूरी के लिए 4170 का पेमेंट
पूछताछ में पता चला कि पीड़ित महिला से इन्होंने ने केवल 7 से 8 किमी की दूरी के लिए 4170 का पेमेंट किया था। जिस यूपीआई आईडी पर अमाउंट गया था वह लकी के नाम से रजिस्टर्ड था। कैब आरोपी लकी के पिता के नाम पर थी, वह पहले कैब चलाते थे। शुभम शर्मा एयरपोर्ट पर काम करता है जो चीटिंग की वारदात के दौरान डिपार्चर एरिया में ड्यूटी दे रहा था। यह लोग ग्रुप बनाकर इस तरह की वारदात को अंजाम देते। हवाई यात्रियों से मौके का फायदा उठाकर उनसे जल्दी एयरपोर्ट पहुंचाने या उनके गंतव्य के बदले मनमाना किराया वसूलते।
एयरपोर्ट स्टाफ 20 दिन पहले ही नौकरी की थी जॉइन
आगे की जांच हुई तो पता चला लकी पहले से इसी तरह के चार मामलों में शामिल रहा है। इनमें से एक शुभम शर्मा ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरा करने के बाद सीनियर एग्जिक्यूटिव के रूप में एयरपोर्ट पर काम कर रहा था। इसी साल जनवरी में उसने ड्यूटी जॉइन की थी। वह 20 दिन पहले ही लकी के संपर्क में आया और इनके लालच में आकर दलाली के धंधे में शामिल हो गया। डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार गिरफ्तार तीन आरोपियों में से एक लकी पहले से इसी तरह के चार मामलों में शामिल रहा है।