दिल्ली बीएमडब्ल्यू कार दुर्घटना मामले में आरोपी गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है। पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी पक्षों से लिखित जवाब मांगा है और पुलिस को स्पीड डेटा और सीसीटीवी फुटेज लाने का निर्देश दिया है। पीड़ित नवजोत सिंह की दुर्घटना के बाद मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद आरोपी पर लापरवाही का आरोप है।

बता दें कि वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव, नवजोत सिंह (52) चौदह सितंबर की दोपहर दिल्ली छावनी मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर हुई दुर्घटना में घायल हो गए थे और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। वह हरि नगर के रहने वाले थे। सिंह अपनी पत्नी के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेककर घर लौट रहे थे। लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद उनकी मौत हो गई।
आरोपी गगनप्रीत के वकील ने 19 किमी दूर हॉस्पिटल ले जाने पर दिया जवाब
सुनवाई के दौरान गगनप्रीत के वकील ने दावा किया है कि उसकी मंशा एकदम घायल को बचाने की थी। घायल को अच्छा इलाज मिले इसलिए अपने परिचित हॉस्पिटल ले गई। अस्पताल पहुंचाने के बाद भी गगनप्रीत वहीं मौजूद रही अगर उसकी मंशा ठीक नही होती तो वौ फरार भी हो सकती थी। लेकिन वह वहीं डटी रहीं। उनके वकील ने दावा किया, ‘‘घायलों को लगभग 23-24 मिनट में न्यूलाइफ अस्पताल (उत्तरी दिल्ली के जीटीबी नगर में) ले जाया गया। उन्हें एम्स या वेंकटेश्वर अस्पताल ले जाने में 36 मिनट लगते। घायलों को इन दोनों अस्पतालों तक ले जाने में चार किमी या 12 मिनट का अंतर था।’
गगनप्रीत कौर के वकील प्रदीप कुमार ने कोर्ट में दलील दी कि वह 10 दिन से हिरासत में है। हम अग्रिम जमानत नहीं मांग रहे हैं, इसलिए पुलिस यह नहीं कह सकती है कि गगनप्रीत जांच को प्रभावित कर सकती है। वकील ने कहा कि हमने जांच में पूरा सहयोग किया है। मोबाइल फोन और ड्राइविंग लाइसेंस भी पुलिस को दिए हैं।
अगर आप नवजोत सिंह को वहीं छोड़ देते तो ज्यादा बेहतर स्थिति होती
इसके बाद, पीड़ित पक्ष की तरफ से गगनप्रीत की जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि अगर एक्सीडेंट के बाद उसे वहीं छोड़ देते तो ज्यादा बेहतर स्थिति होती। प्लान के तहत 19 किलोमीटर ले जाया गया, जबकि वेंकटेश्वर हॉस्पिटल सबसे पास था।
दिल्ली पुलिस बोली- आपने गोल्डन आवर गंवा दिया
दिल्ली पुलिस ने भी बुधवार को कोर्ट में पक्ष रखा। पुलिस ने गगनप्रीत की जमानत याचिका खारिज किए जाने की मांग की और कहा, “एक्सीडेंट के मामले में ‘गोल्डन आवर’ बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इन्होंने इतनी दूर ले जाकर उसे गवां दिया, जबकि कई बड़े अस्पताल रास्ते में पड़ते हैं।” दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि न्यूलाइफ हॉस्पिटल में आरोपी ने अपने बचाव के लिए एमएलसी तैयार कराया।
कोर्ट वे सभी पक्षों से लिखित में जवाब मांगा है
दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सभी पक्षों से लिखित जवाब मांगा है। याचिका पर कोर्ट गुरुवार को 2 बजे फिर से सुनवाई करेगा। सुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत में गगनप्रीत कौर के वकील प्रदीप कुमार ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एक-दो दिन में आ जाएगी। तब मौत का सही समय पता चलेगा। मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीड़िता के वकील अतुल कुमार ने कहा, “बुधवार की सुनवाई में बचाव पक्ष ने दलील दी कि एफआईआर और सीसीटीवी फुटेज में दुर्घटना का विवरण अलग-अलग है। उनका दावा है कि आरोपी ने घायल की मदद करने की कोशिश की थी, इसलिए वह उसे न्यूलाइफ अस्पताल ले गया। इस वजह से और इस तथ्य के कारण कि पीड़िता के दो बच्चे हैं, वे जमानत की मांग कर रहे हैं। हमने अपनी तरफ से दलीलें रखी हैं।”
