Delhi-NCR Air Pollution: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में नई समिति गठित की है। सभी विभागों को उल्लंघन पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया गया है।

बुधवार को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, शाम 5:30 बजे तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 333 दर्ज किया गया। राजधानी में नेहरू नगर में सबसे ज़्यादा AQI 388 था, जबकि मंदिर मार्ग पर सबसे कम AQI 236 रिकॉर्ड किया गया।
वहीं, केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर के उद्योगों को एक बड़ी चेतावनी दी है। केंद्र ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को ऐसे उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने 31 दिसंबर तक रियल-टाइम उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (Real-Time Emission Monitoring Systems) और वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण (Air Pollution Control Devices) नहीं लगाए हैं।
प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कसा जाएगा शिकंजा
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर राज्यों को एक महीने के अंदर 2026 के लिए अपने वायु प्रदूषण नियंत्रण योजनाओं को अंतिम रूप देने का भी आदेश दिया है। सीपीसीबी के चेयरमैन वीर विक्रम यादव ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में 2,254 ऐसे बड़े प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग हैं जिन्होंने अभी तक ऑनलाइन कंटीन्यूअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम (OCEMS) को सीपीसीबी सर्वर से नहीं जोड़ा है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो उद्योग 31 दिसंबर की समय सीमा का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें उन्हें बंद भी किया जा सकता है।
ऐक्शन में सुप्रीम कोर्ट
दूसरी ओर, दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण के उपायों से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह दी है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले से ही दिल्ली की हवा की गुणवत्ता के मुद्दे पर नजर रख रहा है और इस संबंध में कई आदेश भी जारी कर चुका है।
