471 बूथ संवेदनशील
स्पेशल सीपी ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि कुल 3696 पोलिंग परिसर बनाए गए हैं, जिनमें से 471 सेंटर संवेदनशील की श्रेणी में हैं। इन सेंटरों के 3139 पोलिंग बूथ क्रिटिकल कैटिगरी में रखे गए हैं। जिस सेंटर में 7 से 10 बूथ क्रिटिकल हैं, तो उस पोलिंग परिसर की कमान इंस्पेक्टर रैंक के अफसर को सौंपी गई है। अगर किसी सेंटर में 11 या इससे ज्यादा संवेदनशील बूथ हैं, तो एसीपी रैंक के अधिकारी को इंचार्ज बनाया गया है। पैरामिलिट्री फोर्स की टुकड़ियों की ज्यादा तैनाती भी की गई है। जिस पोलिंग सेंटर में एक से चार बूथ संवेदनशील हैं, वहां आम सेंटर की तुलना में पैरामिलिट्री फोर्स का आधा सेक्शन ज्यादा रहेगा। 5 से 8 क्रिटिकल बूथ वाले सेंटर में एक, 9 से 12 वाले में डेढ़ और 13 से 16 वाले बूथ पर दो सेक्शन ज्यादा फोर्स रहेगी। इन पर लोकल पुलिस भी ज्यादा होगी। उन पोलिंग परिसरों की निगरानी ड्रोन से की जाएगी, जिनमें 12 या उससे ज्यादा संवेदनशील बूथ हैं। ऐसे 39 परिसरों की पहचान की गई है। 8 ड्रोन बैकअप में रहेंगे।
कैसे तय होते हैं संवेदनशील सेंटर या बूथ?
संवेदनशील पोलिंग स्टेशन और बूथ के कुछ पैरामीटर हैं। घनी आबादी वाले, सांप्रदायिक तनाव वाले, बीते चुनाव में 90 फीसदी से ज्यादा पोलिंग वाले, 70 फीसदी वोट एक ही उम्मीदवार को मिलने वाले, पांच साल में 10 फीसदी से कम वोटिंग वाले, दोबारा मतदान वाले, बूथ कैप्चरिंग, हिंसा वाले और पहले मुकदमा दर्ज होने वाले पोलिंग स्टेशन या बूथ को संवेदनशील की कैटिगरी में रखा जाता है। लोकसभा चुनाव 2024 में 429 क्रिटिकल पोलिंग स्टेशन और 2890 संवेदनशील बूथ थे। इस बार इनमें बढ़ोतरी हुई है।
प्रचार बंद होने के बाद भी ऐक्शन
स्पेशल सीपी ने बताया कि मंडे को प्रचार बंद होने के बाद अवैध चुनावी मीटिंग, रैली और सोशल मीडिया में छेड़छाड़ वाले विडियो सर्कुलेट करने को लेकर दो एफआईआर और दो एनसीआर दर्ज की गईं हैं। पब्लिक प्लेस पर पोस्टर लगाने को लेकर 25 एफआईआर हुईं हैं। भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में 340 को अरेस्ट किया गया है, जबकि 278 को पब्लिक प्लेस में शराब पीने पर गिरफ्तार किया गया है। अवैध शराब के मामले में 27 केस दर्ज कर 28 को अरेस्ट किया गया। इनसे 1835 लीटर शराब पकड़ी गई है।