असेंबली में आतिशी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आतिशी को विपक्षी दल के नेता के रूप में मान्यता प्रदान की है। यह निर्णय विधानसभा सदस्य आतिशी, जो सदन में सरकार के विपक्ष में सर्वाधिक सदस्यों वाले दल की नेता हैं, को दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता देने के लिए लिया गया। इस संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष ने 2001 के ‘विधानसभा नेता प्रतिपक्ष (वेतन और भत्ते) अधिनियम, 2001’ की धारा-2 के तहत आतिशी को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता दी।
अब आतिशी को मिलेगी इतनी सैलरी-भत्ता
कालकाजी सीट से विधायक चुनी गईं आतिशी भले ही अब मुख्यमंत्री नहीं हैं लेकिन विपक्ष की नेता बन गई हैं। ऐसे में उनका वेतन और भत्ता काफी बढ़ गया है। नेता विपक्ष को मुख्यमंत्री की तरह की सुविधाएं और वेतन मिलता है। नेता विपक्ष के तौर पर आतिशी को 1 लाख 70 हजार रुपये प्रति माह सैलरी और यात्रा भत्ता, टेलीफोन खर्च और अन्य भत्ते भी मिलेंगे। दिल्ली में पूर्व सीएम को कई सुविधाएं मिलती हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद जेड सिक्योरिटी जैसी खास सुविधाएं नहीं दी जाती हैं।
कितनी है आतिशी की नेटवर्थ?
आतिशी के चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति 76.93 लाख रुपये है। पिछले पांच साल में उनकी संपत्ति में 28.67 फीसदी का इजाफा हुआ है। साल 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान आतिशी की कुल संपत्ति 59.79 लाख रुपये थी। यानी इन 5 वर्षों में इनकी संपत्ति में 17.14 लाख रुपये की ही बढ़ोतरी हुई है। चुनावी हलफनामे के अनुसार उनके पास मात्र 30 हजार रुपये कैश था। वहीं उनके कई बैंक अकाउंट हैं। इनमें 75.53 लाख रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग्स के तौर पर जमा हैं। अचल संपत्ति के नाम पर उनके पास सिर्फ 10 ग्राम सोना है। इसकी वैल्यू एक लाख रुपये बताई गई है।
ऐसे चुनी गईं नेता प्रतिपक्ष
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि, यह पहले से ही तय था कि विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें यह कुर्सी छोड़नी होगी। चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी को विपक्ष में बैठना पड़ा और पार्टी ने आतिशी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया। इसी वजह से उन्हें मुख्यमंत्री के समान वेतन और अन्य भत्ते मिलते रहेंगे। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत तमाम दिग्गज नेताओं के हारने के बाद विधानसभा पहुंची आतिशी ही वह नेता थीं, जिसे आम आदमी पार्टी ने सर्वसम्मति से अपने दल का नेता चुना।
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)