नई दिल्ली: भीषण गर्मी के बीच इन दिनों दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में यात्रियों को बसों के इंतजार में
बस स्टॉप पर लंबा वक्त बिताना पड़ रहा है। जो बसें पहले 5-7 मिनट में मिल जाती थीं, उनके लिए अब आधा-आधा घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। उसके बाद भी कोई गारंटी नहीं है कि बस मिल ही जाएगी। इस वजह से कई लोग समय पर अपने वर्क प्लेस पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। शाम को काम खत्म करके घर लौटते वक्त भी बसें मिलने में दिक्कत हो रही है। बाहरी दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में यह समस्या और ज्यादा गंभीर बताई जा रही है। यहां कई रूटों पर बस सेवा या तो पूरी तरह बंद हो गई है या फिर दिनभर में इक्का-दुक्का बसें ही आ रही हैं। इन इलाकों में
मेट्रो कनेक्टिविटी भी बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में लोगों को परिवहन के अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो अपेक्षाकृत महंगे हैं।DTC और परिवहन विभाग के सूत्रों से पता चला है कि इसके पीछे मुख्य कारण जनवरी से अब तक 2 हजार से ज्यादा बसों का सर्विस से बाहर होना है, जिससे बसों की भारी किल्लत पैदा हो गई है। इसकी भरपाई के लिए
नई इलेक्ट्रिक बसें मंगाई तो जा रही हैं, लेकिन उनकी सप्लाई की रफ्तार इतनी धीमी है कि डिमांड और सप्लाई के बीच एक बड़ा गैप आ गया है। आलम यह है कि साल के 4 महीने बीत चुके हैं, लेकिन जो 2000 बसें सड़कों से हटी हैं, उनकी जगह अभी तक एक भी नई बस सड़क पर नहीं उतर पाई है। हालांकि, मंगलवार को सरकार 330 बसें लॉन्च करने वाली थी, लेकिन पोप के निधन के बाद घोषित राष्ट्रीय शोक के चलते वह कार्यक्रम भी स्थगित हो गया। मगर सवाल ये है कि क्या 2000 से ज्यादा बसों की भरपाई महज 330 बसों से हो पाएगी?
पुरानी बसों को सड़कों से हटाया
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जनवरी से अब तक DTC की 1500 से ज्यादा बसों को सड़कों से हटा लिया गया है। ये CNG से चलने वाली पुरानी लो फ्लोर एसी और नॉन एसी बसें थीं, जो अपनी लाइफ पूरी कर चुकी थीं और अब चलने योग्य नहीं रह गई थीं। वहीं, पिछले हफ्ते दो क्लस्टरों की 462 बसें भी एक्सटेंशन नहीं मिलने के बाद डिपो में खड़ी हो गईं। ये सारी बसें दिल्ली के 100 से अधिक रूटों को कवर कर रही थीं। इनमें 55 रूट तो क्लस्टर बसों के हैं।
अगले महीने और बंद होंगी 552 बसें
बसें बंद होने से लोगों को हो रही दिक्कत को देखते हुए आस-पास के डिपोज से कुछ बसों को डायवर्ट करके बंद हुई बसों के रूटों पर चलाया जा रहा है। खासतौर पर सुबह और शाम के पीक ऑवर्स में इन रूटों पर बसें भेजकर कोशिश की जा रही है कि लोगों को कम दिक्कत हो, लेकिन इससे उन दूसरे रूटों पर दिक्कत शुरू हो गई है, जिन पर चलने वाली बसों को बंद हो चुकी बसों के रूटों पर डायवर्ट किया जा रहा है। सूत्रों से पता चला है कि अगले दो महीनों में DTC की 462 बसें और खड़ी हो जाएंगी। वहीं, मई में दो अन्य क्लस्टरों की 552 बसों के भी बंद होने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो जून तक करीब 2900 बसें सड़कों से बाहर हो जाएंगी, जिससे स्थिति और खराब होने की आशंका है।