रेलवे सूत्रों के अनुसार, पुनर्विकास का काम प्लैटफॉर्म 1 से 3 तक शुरू होगा और अंतिम चरण में प्लैटफॉर्म 12 और 13 पर पहुंचेगा। प्रत्येक चरण में जिन प्लैटफॉर्मों पर काम होगा, केवल वहीं से चलने वाली गाड़ियों को अन्य स्टेशनों, जैसे सब्जी मंडी, सराय रोहिल्ला, निजामुद्दीन, आनंद विहार, बिजवासन और सफदरजंग जैसे स्टेशनों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट किया जाएगा। जैसे ही उस चरण का काम पूरा होगा, गाड़ियां दोबारा नई दिल्ली स्टेशन पर शिफ्ट कर दी जाएंगी।
राजधानी, वंदेभारत और शताब्दी का विशेष ख्याल
प्रमुख ट्रेनों जैसे राजधानी, वंदेभारत और शताब्दी एक्सप्रेस को नई दिल्ली स्टेशन से ही संचालित करने की प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिए जरूरत पड़ने पर उनके प्लैटफॉर्म में बदलाव किए जाएंगे, लेकिन उन्हें अन्य स्टेशनों पर शिफ्ट नहीं किया जाएगा। उम्मीद लगाई जा रही है कि जून में इस योजना की औपचारिक घोषणा की जा सकती है।
यात्रियों के लिए ‘स्मार्ट स्टेशन’
पुनर्विकास के दौरान स्टेशन पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त दो बहुमंजिला इमारतें बनाई जाएंगी, एक पहाड़गंज की ओर और दूसरी अजमेरी गेट की तरफ। सभी प्लैटफॉर्म पर स्टोन-लेस ट्रैक (बिना गिट्टी वाले ट्रैक) लगाए जाएंगे। पार्सल के लिए टनल बनाई जाएगी ताकि प्लैटफॉर्म तक सीधा माल पहुंचाया जा सके।
ट्रैफिक जाम से भी मिलेगा राहत
नई दिल्ली स्टेशन के चारों ओर कुल 7 फ्लाईओवर और एक मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जाएगा। इससे स्टेशन के आसपास लंबे समय से बनी ट्रैफिक की समस्या का स्थायी समाधान निकलेगा और यात्री सुविधाजनक तरीके से स्टेशन तक पहुंच सकेंगे। जानकारी के अनुसार नई दिल्ली में कुल 16 प्लैटफॉर्म हैं, इसमें कुल 338 गाड़ियां संचालित की जाती है। प्लैटफॉर्म 2, 10 और 11 पर जगह कम होने की वजह से यहां से सीमित संख्या में ट्रेनों का संचालन किया जाता है।