डीसीपी विक्रम पोरवाल ने बताया आईसीआईसीआई बैंक में 17 फर्मों के 18 खाताधारकों ने 467 फर्जी फॉरेन इनवर्ड रेमिटेंस सर्टिफिकेट (FIRC) जमा कराए। इनके जरिए बैंक से बीआरसी हासिल किए और डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) से एक्सपोर्ट लाभ प्राप्त किया।
आरोपी के परिवार की तरफ से चलाए जा रहे 5 फर्म्स के जरिए धोखाधड़ी
जांच में पता चला कि आरोपी और उसके परिवार की तरफ से चलाई जा रहीं 5 फर्म्स के जरिये धोखाधड़ी की गई। ये फर्म्स कुमार ट्रेडिंग कंपनी, नैशनल ट्रेडर, ट्राइडेंट ओवरसीज इंडिया, एचएससी एक्सिम इंडिया और एएचसी ऑटो स्पेयर्स हैं।
अंगद के अलावा उसके पिता सुरिंदर सिंह और भाई हरसाहिब सिंह इन फर्म्स के डायरेक्टर थे। इन्हीं फर्म्स के जरिये फर्जी एफआईआरसी तैयार कर आईसीआईसीआई बैंक से बीआरसी प्राप्त किए गए, जिनके आधार पर डीजीएफटी से ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप (टीसीएस) जारी करवाए गए। इन स्क्रिप को बेचकर 30 करोड़ 47 लाख रुपये का गड़बड़झाला किया। पुलिस ने इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को पहले गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी अंगद ईओडब्ल्यू में दर्ज 2017 के एक अन्य केस में भी आरोपी है।