अपनी उम्र पूरी कर चुकी गाड़ियों को फ्यूल न देने और उन पर सख्ती पर मची उथल-पुथल के बीच लोग काफी परेशान हो रहे हैं। अभी दिल्ली में यह स्पष्ट नहीं है कि आदेश जारी रहेगा या वापस होगा। इस बीच CAQM ने हरियाणा-पंजाब के साथ की रिव्यू मीटिंग की।

सिरसा ने CAQM को लिखा था पत्र
बता दें कि हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में यह आदेश एक नंवबर से लागू होना है। सीएक्यूएम के चेयरपर्सन राजेश वर्मा की अध्यक्षता में सीएक्यूएम के सदस्यों, पंजाब व हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ एक रिव्यू मीटिंग 3 जुलाई को चंडीगढ़ में की। मीटिंग में प्रदूषण को कम करने के लिए दोनों राज्यों में इंटर डिपार्टमेंटल कार्डिनेशन और विभिन्न नियमों को लागू करने पर चर्चा हुई। इसी दिन दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीएक्यूएम को पत्र लिखकर इस सिस्टम की कमियों को बताते इस आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।
ऐक्शन प्लान अप्रूव करवा लिया
हरियाणा सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि उन्होंने सर्दियों में पराली को जलाने से रोकने के लिए ऐक्शन प्लान अप्रूव करवा लिया है। थर्मल पावर प्लांट में भी इमिशन नार्म्स का पालन होगा। इसके अलावा सड़कों से धूल कम करने, चयनित सड़कों के रिडिवेलपमेंट का काम किया जा रहा है। साथ ही एंड ऑफ लाइफ वीकल को फ्यूल न देने की तैयारी भी की जा रही है। फ्यूल पंपों को एएनपीआर कैमरों से संबंधित जानकारी दी गई।
CAQM ने हरियाणा-पंजाब के साथ की रिव्यू मीटिंग
बता दें कि मोटर वीकल एग्रीगेटर को क्लीनर फ्यूल पर तेजी से शिफ्ट किया जा रहा है। साथ ही डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा को चरणबद्ध तरीके से हटाने का प्लान बताया है। इसके तुरंत बाद पंजाब से भी रिव्यू मीटिंग की गई। इसमें पराली से संबंधित ऐक्शन प्लान पर काम की जानकारी ली गई। मीटिंग में गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण पर भी चर्चा हुई। दिल्ली में आने वाली इंटरसिटी बसों को क्लीन फ्यूल मेंशिफ्ट करने की जानकारी सीएक्यूएम ने ली। साथ ही दिल्ली जाने वाले गुड्स वीकल की रोक के बारे में भी पूछा गया। चार जुलाई को कमिशन की टीम ने कुछ प्रोजक्ट्स का फील्ड विजिट भी किया।