दिल्ली सरकार कांवड़ यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार है। कपिल मिश्रा और मेयर राजा इकबाल सिंह ने अप्सरा बॉर्डर से करोल बाग तक कांवड़ शिविरों का निरीक्षण किया। उन्होंने कांवड़ियों के स्वागत, सुरक्षा और सेवा के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए ताकि यात्रा निर्बाध रूप से संपन्न हो सके।

इन इलाकों से शुरू हुआ निरीक्षण
निरीक्षण की शुरूआत अप्सरा बॉर्डर स्थित दिलशाद गार्डन से हुई। यहां निरीक्षण करने के बाद दोनों नेता पूरे दलबल के साथ सीलमपुर, शास्त्री पार्क, कश्मीरी गेट और करोलबाग जैसे प्रमुख स्थलों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कपिल मिश्रा ने सड़कों पर ट्रैफिक की स्थिति को देखते हुए निर्देश दिए कि ट्रैफिक की रफ्तार धीमी किए बिना कांवड़ यात्रा निर्बाध रूप से संपन्न होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार शिव भक्तों की सेवा कोई कमी नहीं छोड़ेगी।
धरातल पर दिखें व्यवस्थाएं
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देश पर यह निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है ताकि केवल फाइलों में नहीं बल्कि धरातल पर व्यवस्थाएं दिखें। हमारी प्राथमिकता है कि कांवड़ यात्रा दिल्ली में भव्य, सुरक्षित और श्रद्धा-युक्त रूप से संपन्न हो। दिल्ली की सीमाओं पर भव्य स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं, कांवड़ सेवा समितियों को सहायता राशि प्रदान की जा रही है और उनके शिविर स्थापित हो चुके हैं।
निरीक्षण के लिए संयुक्त दल का गठन
उन्होंने बताया कि यह पहली बार है कि जब किसी मंत्री की अध्यक्षता में दिल्ली के चार विधायक अनिल शर्मा, तिलक राम गुप्ता, संजय गोयल और प्रदुम्न राजपूत के साथ एक संयुक्त निरीक्षण दल का गठन किया गया है, जो यह दर्शाता है कि दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है। इस निरीक्षण में दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह, विधायक अजय महावर और संबंधित विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे। कांवड़ सेवा समितियों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया, क्योंकि सिंगल विंडो सिस्टम से कांवड़ सेवा से जुड़े आयोजकों की दिक्कतें काफी कम हुई है और साथ ही सहायता राशि सीधे उनके अकाउंट में भेजी जा रही हैं।
चल रहा है निरीक्षण अभियान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देश पर यह निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इस निरीक्षण में दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह, विधायक अजय महावर और संबंधित विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे। इस दौरान पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने निर्देश दिए कि ट्रैफिक की रफ्तार धीमी किए बिना कांवड़ यात्रा निर्बाध रूप से संपन्न होनी चाहिए।