दिल्ली में आवारा कुत्तों की नसबंदी में लापरवाही रोकने के लिए एमसीडी एक नई योजना ला रही है। इसके तहत, नसबंदी के दौरान ही कुत्तों की गर्दन में माइक्रोचिप लगाई जाएगी।

इसके बाद स्टरलाइजेशन में लापरवाही बरतने वाली संस्था के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। स्ट्रे डॉग में माइक्रोचिप लगाने के लिए एमसीडी की एनिमल बर्थ कंट्रोल मॉनिटरिंग कमिटी और चीफ सेक्रेटरी के अलावा सेक्रेटरी एनिमल हसबेंडरी से भी हरी झंडी मिल चुकी है।
13 संस्थाएं मिलकर चला रहीं 20 सेंटर
एमसीडी के पशु विभाग के तहत 13 संस्थाएं मिलकर 20 स्टरलाइजेशन सेंटर और वैक्सीनेशन सेंटर चलाए जा रहे हैं। पशु विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल 1.31 लाख स्ट्रे डॉग के स्टरलाइजेशन के साथ-साथ उनका वैक्सीनेशन किया गया था।
क्यों कंट्रोल नहीं हो पा रही नजसंख्या?
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब हर साल इतने बड़े पैमानें पर स्ट्रे डॉग का स्टरलाइजेशन हो रहा है फिर भी इनकी जनसंख्या कंट्रोल क्यों नहीं हो रही है? एमसीडी अधिकारी जब किसी संस्था से पूछते हैं तो उनकी तरफ से दलील दी जाती है कि उनकी तरफ से कहीं कोई कमी नहीं है। स्ट्रे डॉग के स्टरलाइजेशन और वैक्सीनेशन को फुलप्रूफ बनाने के लिए एमसीडी ने इस प्रक्रिया के दौरान ही माइक्रोचिप लगाने की योजना तैयार की है। एमसीडी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि माइक्रोचिप लगाने के लिए कंपनियों की तलाश के लिए ओपन टेंडर किए जाएंगे। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्ट्रे डॉग में माइक्रोचिप लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। यह पूरी मुहिम दिल्ली को रैबिज फ्री बनाने की है।