दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। निगमबोध घाट के पास जलस्तर घरों के करीब पहुँच गया है, जिससे निचले इलाकों में पानी घुसने का डर है। यदि जलस्तर में और वृद्धि होती है, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

कितना है यमुना में खतरे का निशान
बता दें कि दिल्ली के लिए वॉर्निंग वाटर लेवल 204.50 मीटर है। वहीं खतरे का निशान 205.33 मीटर है और निकासी 206.33 मीटर पर है। यमुना में एक पुराना रेल पुल है जो कि खतरे को इंडिकेट करते रहता है। अगर पानी पुल की निर्धारति ऊंचाई को छू लेता है तो दिल्ली में बाढ़ आने की पूरी संभावना हो जाती है।
दिल्ली के जल मंत्र ने यमुना नदी के जलस्तर का इंस्पेक्शन किया
गुरुवार को दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने इंजीनियरों के साथ ITO बैराज पर यमुना नदी के जलस्तर का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की गलती के कारण 2023 में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। लेकिन, इस बार ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है। प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि सरकार पल-पल यमुना के जलस्तर पर नजर बनाए हुए है। जल मंत्री ने यमुना के निचले इलाकों का भी दौरा किया और हालात का जायजा लिया। इस दौरान जल मंत्री ने अधिकारियों के साथ तैयारियों को लेकर विस्तृत चर्चा की। कहा कि हथिनीकुंड बैराज से पानी का फ्लो बढ़ने के चलते जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगा है।
ITO के सभी बंद गेट खोल दिए गए हैं
मंत्री ने कहा कि अगस्त के दौरान बारिश अधिक होती है और ऐसे में जलस्तर में बढ़ोतरी समान्य स्थिति है। इस बार दिल्ली सरकार ने ITO के सभी बंद गेट खोल दिए हैं। सभी 32 गेट्स से पानी का प्रवाह आगे की तरफ हो रहा है। सरकार का कहना है कि आईटीओ बैराज का ऑपरेशन और मेंटिनेंस दिल्ली के पास होने से उसे बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है। इसके अलावा यमुना में दोबारा बाढ़ जैसे हालात पैदा न हो, इसके लिए आईटीओ बैराज का ऑपरेशन और मेंटिनेंस दिल्ली सरकार के पास होना चाहिए।