कैल्कुलस ग्रुप के CEO सूरज वासुदेवन का कहना है कि यह सिर्फ एक समझौता नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। उनका मानना है कि गांवों में तकनीक का सही इस्तेमाल करके लोगों की जिंदगी बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि AI और तकनीक सिर्फ अमीरों के लिए नहीं, बल्कि सबके लिए होनी चाहिए।
यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विजन 2047’ के तहत किया जा रहा है। इसका मकसद भारत को एक विकसित और तकनीक वाला देश बनाना है। इस पहल से गांवों की अर्थव्यवस्था बदलेगी, लोग डिजिटल तरीके से साक्षर होंगे और बेहतर बुनियादी ढांचा बनेगा। यह AI का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा जो गांवों में शुरू किया जा रहा है। इससे भारत दुनिया में तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ा नाम बनेगा। कैल्कुलस ग्रुप AI, इंटरनेट, साइबर सुरक्षा और डेटा सेंटर जैसी तकनीक में माहिर है।
कैल्कुलस ग्रुप 2016 में शुरू हुआ था। यह कंपनी सरकारों और कंपनियों को तकनीक के समाधान देती है। यह AI, इंटरनेट, साइबर सुरक्षा और डेटा सेंटर जैसी तकनीक में काम करती है। वहीं HRDS INDIA एक NGO है जो आदिवासियों के विकास के लिए काम करता है। यह संस्था शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में काम करती है।