पाकिस्तान समर्थित हैंडल्स कर रहे पैनिक
मौजूदा हालात में हर तरफ से साइबर अटैक का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में किस तरह आप और हम सूझबूझ के साथ सतर्क रह सकते हैं, इस पर जाने माने साइबर एक्सपर्ट डॉ रक्षित टंडन ने कहा कि मिसाइल वॉर से ज्यादा खतरनाक है डिजिटल या सोशल मीडिया वॉर। इस मौजूदा हालात में भारत के हर एक नागरिक को बेहद चौकन्ना और जिम्मेदार होना चाहिए। वॉर की सिचुएशन में फेक इनफर्मेशन के जरिए कुछ भी विध्वंसक हो सकता है।
स्कैम और साइबर अटैक का भी खतरा
इस समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे X, वट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर दुश्मन देश के हैंडल्स फेक इनफर्मेशन के जरिए नेरेटिव फैला रहे हैं। जो सतर्क नहीं है उसके लिए ये प्रोपेगेंडा मन में न सिर्फ डर, बल्कि अनहेल्दी माइंडसेट कर रहा है। खासकर दो देशें के बीच तनाव में AI जरनेटेड विडियो, ऑडियो और फोटोज भेजे जा रहे हैं। जिसमें कभी जहाजों के मार गिराने के दावे किए जा रहे हैं तो किसी में दुश्मन देश के अंदर फौज के घुस जाने का नेरेटिव चलाया जा रहा है।
मिलिट्री मूवमेंट शेयर न करें
ऐसी स्थिति में वाट्सऐप ग्रुप्स में राशन, पेट्रोल की कमी के मेसेज भेजकर पैनिक क्रिएट किया जा रहा है। विशेष तौर पर दो दिन में लोगों के वट्सऐप ग्रुप में एक मेसेज तेजी से वायरल हो रहा है कि ATM सिस्टम पर साइबर अटैक हुआ है जिसकी वजह से मशीनें धीरे-धीरे बंद होने वाली हैं। इस मेसेज से लोग इतना घबरा गए कि वे ATM से जल्दी से जल्दी पैसा निकालने पहुंच जाते हैं। हालांकि यह खबर 2017 की है। लेकिन बिना सोचे समझे लोग उसे शेयर कर रहे हैं।
जिस तरह कोरोना के समय फेक इंफर्मेशन फैलाई गई थी कि दवाइयों का स्टॉक खत्म हो रहा है, वैसे ही इस समय भी लोग दवाइयों को खरीदने में लगे हुए हैं। भारत सरकार के ऑफिशियल हैंडल जैसे mygov, प्रेस इंफर्मेशन ब्यूरो का ब्लूटिक वाला हैंडल (fact check), सभी स्टेट पुलिस के जो ऑथराइज हैंडल हैं, उन पर भरोसा करें। खासकर ब्लूटिक, ग्रे टिक वाले हैंडल पर ही यकीन करें। जिम्मेदार नागरिक होने के नाते आप कोई भी मिलिट्री मूवमेंट, सायरन, फाइटर जेट या उनसे जुड़ी सेंसेटिव जानकारी सोशल मीडिया पर न डालें।
शहीदों के नाम पर चंदा मांगने से सावधान रहें
एक तरफ हथियारों से फौज जंग लड़ रही है तो दूसरी तरफ हैकर्स जंग में सक्रिय हैं। पाकिस्तान या उसके समर्थक हैकर्स अनेकों मेसेज, ग्लैमरस फोटो भेज रहे हैं। डॉ रक्षित टंडन के मुताबिक फोटो फॉर्मेट में लिंक छिपी होती है जिसे AI और दूसरे सॉफ्टवेयर से तैयार कर उसे भेज रहे हैं। क्लिक होने पर APK या दूसरा एक्सेस ऐप डाउनलोड करा दिए जाते हैं। उससे आपका मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिवाइस हैक हो सकती है। आपको कोई फोटो APK फाइल मिलती है तो उसे बिल्कुल भी डाउनलोड न करें। इस तरह के अटैक काफी हो रहे हैं। इसके अलावा 92 के नंबरों से पुलिस ऑफिसर्स के नाम से कॉल्स आ रही हैं। उस पर सतर्क रहें।
साइबर स्कैमर्स इस माहौल में नई मॉडस ऑपरेंडी अपना रहे हैं जिसमें ताबूत में रखे शहीदों के पार्थिव शरीर, घायल सैनिकों और बमबारी में जिनके घर उड़ा दिए गए, उनके नाम पर चंदा इकट्ठा कर रहे हैं। इनसे भी सतर्क रहने की जरूरत है। सरकारी विभागों, कॉर्पोरेट हाउस, कंपनियां, एयर फ्लाइट कंपनियों को अपनी साइबर सिक्योरिटी टीम को पुख्ता और सतर्क रखने की जरूरत है। फौज इतना बड़ा काम हमारे लिए कर रही है, हमें उनका मनोबल बढ़ाना है। फालतू न्यूज शेयर फॉरवर्ड करने से बचें।