दिल्ली के धौलाकुआं में हुए बीएमडब्ल्यू हादसे में आरोपी ड्राइवर गगनप्रीत कौर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उस पर लापरवाही से गाड़ी चलाने, सबूत मिटाने और गलत जानकारी देने के आरोप हैं, जिसके चलते उसकी जमानत याचिका भी टाल दी गई है।

लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि अगर सरकार ने अस्पताल पहुंचाने पर 25 हजार का इनाम रखा है तो फिर महिला को हिरासत में क्यों लिया गया? आखिर इसकी वजह क्या है…
वो मुख्य बातें जिनके चलते गगनप्रीत कौर को गिरफ्तार किया गया
- नजदीक के अस्पताल में ले जाने के वजाय दूर के अस्पताल में ले जाना
- गाड़ी की रफ्तार निर्धारित सीमा से अधिक होना
- खुद को बचाने के लिए गलत जानकारी देने और सबूतों को नष्ट करने का आरोप
- सूत्रों के मुताबिक अस्पताल में आरोपियों की मौजूदगी छुपाने की कोशिश की गई
- मेडिकल रिपोर्ट में हेरफेर करने का भी आरोप लग रहा
सरकार ने अस्पताल पहुंचाने पर 25000 रुपये इनाम देने का किया था एलान
केंद्र सरकार ने कुछ महीने पहले रोड एक्सीडेंट में घायल होने वालों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने वाले अच्छे लोगों के लिए इनाम राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का एलान किया था। लेकिन अगर कोई ड्राइवर संदेह के घेरे में हो तो उसे इनाम का हकदार नहीं माना जाएगा। गगनप्रीत के मामले जिस तरह स े एक्सीडेंट हुआ और गाड़ी जिस तरह से क्षतिग्रस्त हुई, उससे साफ लग रहा है कि यह ओवरस्पीड का मामला है। अब यह जांच करने की कोशिश की जा रही है कि कहीं गगनप्रीच शराब के नशे में तो नहीं थी।
इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया मामला
भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 के तहत केस दर्ज किया गया है, ये धारा सार्वजनिक स्थल पर लापरवाही से वाहन चलाने का है। इसके अलावा 125बी, दूसरे के जीवन को खतरे में डालना, 105 हत्या के बराबर न होने वाली गैर इरादतन हत्या और धारा 238 के तहत मामला दर्ज हुआ है। 238 की धारा हाल ही में पुलिस द्वारा लगाई गई थी, जो अपराधी को बचाने के लिए गलत जानकारी देने और सबूतों को गायब करने पर लगाया जाता है।
