शालीमार बाग में रहते हैं अंकित जैन
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अंकित जैन परिवार के साथ शालीमार बाग इलाके में रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह जूलरी और बुलियन का कारोबार करीब 12 साल से कर रहे हैं। इनका ऑफिस शालीमार बाग इलाके में है। अभी दो महीने पहले ही इन्होंने अपना दूसरा ऑफिस कूचा महाजनी, चांदनी चौक में किराए पर लिया है। शालीमार बाग के ऑफिस से सारे सामान की शिफ्टिंग का काम चल रहा था। वह अपना सारा स्टॉक शालीमार बाग से लाकर कूचा महाजनी के ऑफिस में शिफ्ट कर रहे थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वारदात के बाबत अंकित जैन का कहना है कि वह 20 सितंबर को अपने शालीमार बाग स्थित ऑफिस से करीब 7.5 किलो गोल्ड अपने काले रंग के पिट्ठू बैग में रख कर दोपहर करीब 11.40 के आसपास अपनी गाड़ी से कूचा महाजनी आ रहे थे।
ड्राइविंग की बगल वाली सीट के नीचे रखा था। वह मजलिस पार्क होते हुए आउटर रिंग रोड पर आए। वहां से मजनूं का टीला, आईएसबीटी, हनुमान मंदिर होते हुए समय करीब 12.40 पर कौड़िया पुल के रेड लाइट पर पहुंचे। ग्रीन लाइट होने के बाद जब अपनी गाड़ी को आगे बढ़ाया तो काले रंग की बाइक ने कार के बंपर को टक्कर मार दी। इसके बाद उन्होंने अपनी कार को साइड में रोका। नीचे उतरकर बंपर चेक करने लगे।
7 किलो से अधिक गोल्ड हुआ चोरी
इसके बाद बाइक वाले से बहस हुई। बाइक वाला वह लड़का सॉरी बोलकर वहां से चला गया। तभी एक और लड़का गाड़ी के लेफ्ट साइड का दरवाजा खोलकर उसमें रखा बैग निकालकर उसी बाइक वाले के साथ बैठकर वहां से भाग गया। अंकित ने लड़कों के बारे में शोर मचाते हुए कुछ दूरी तरह पीछा किया। इसके बाद 112 पर कॉल करके पुलिस को जानकारी दी। साढ़े सात किलो गोल्ड की लूट का पता चलते ही लोकल पुलिस समेत आला अफसर क्राइम सीन पर पहुंचे। पुलिस ने संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू की।
सीनियर अफसरों ने केस की गुत्थी को सुलझाने के लिए लोकल पुलिस के अलावा स्पेशल स्टाफ और अन्य टीमों को लगाया है। एक सीनियर पुलिस अफसर के मुताबिक, क्राइम सीन के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में बाइक सवार संदिग्ध दिखाई दिए हैं। वारदात में किसी इनसाइडर का हाथ होने का अंदेशा ज्यादा है। इसके अलावा कारोबारी के बयानों और बाकी पहलुओं को ध्यान में रखकर भी जांच की जा रही है।