यौन उत्पीड़न के आरोप में आरोपी चैतन्यनंद सारस्वती का मामला पटियाला हाउस कोर्ट के जिला न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध है। लेकिन इस बीच, जमानत याचिका की सुनवाई के लिए निर्धारित जज ने स्वयं को इस मामले से अलग कर लिया।

यौन उत्पीड़न का आरोपी चैतन्यनंद
पुलिस के अनुसार, उसने महिलाओं और कर्मचारियों की गुप्त तस्वीरें लीं, अश्लील बात कीं और छात्रों पर सीसीटीवी मॉनिटरिंग एप के माध्यम से नजर रखी। चैतन्यनंद को कई दिनों तक फरार रहने के बाद आगरा से गिरफ्तार किया गया। पुलिस जांच से उसके गंदे काम का पैटर्न सामने आया है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “गिरफ्तारी से ठीक पहले की चैट्स में महिलाओं को लुभाने के संकेत मिले। एक बातचीत में उसने एक महिला को हगिंग व किसिंग इमोजी भेजे। उसने इस काम के लिए ऑनलाइन भुगतान भी किया।
महिलाओं को नौकरी का झांसा देता था
दिल्ली पुलिस के मुताबिक चैतन्यनंद महिलाओं को नौकरी का झांसा देता था जिसमें फ्लाइट अटेंडेंट या उसके संस्थान में जॉब शामिल था, और इन बहानों से संपर्क शुरू करता था। पुलिस ने बताया कि उसका कार्यालय एक लक्ज़री सुइट जैसा डिज़ाइन किया गया था, जहां उसने महंगे उपहार जैसे आभूषण दिए और महिलाओं से योग करती हुई तस्वीरें और वीडियो भेजने के लिए कहा।
सीसीटीवी से लड़कियों को देखता था
जांच में यह भी पता चला कि उनके फोन में सीसीटीवी मॉनिटरिंग एप के माध्यम से उसने कैंपस और छात्रावास में महिला छात्रों पर नजर रखी। फरार रहने के दौरान उसने लंदन के फोन नंबरों का उपयोग किया, जिसे बाद में उसके आईपी पते के जरिए ट्रेस किया गया। पुलिस ने बताया कि तीन महिला सहायक – संस्थान की डीन और दो वार्डन – ने कथित तौर पर पीड़ितों को धमकाया और उन्हें अनुचित संदेश हटाने के लिए मजबूर किया। चैतन्यनंद पर हनी-ट्रैपिंग गतिविधियों का भी आरोप है। पुलिस ने कहा कि उसने कुछ लड़कियों को अल्मोड़ा ले जाकर कथित रूप से एक महिला को पैसे के बदले अश्लील फोटो भेजने के लिए कहा।
