Sign In

Delhi News Daily

  • Home
  • Fashion
  • Business
  • World News
  • Technology
  • Sports
  • Politics
  • Lifestyle
  • Entertainment
Reading: Delhi News: दिल्ली में स्ट्रीट डॉग की संख्या 10 लाख हो चुकी…एक साल पहले मिला था प्लॉट, लेकिन नहीं बना डॉग सेंटर – Delhi News Daily
Share

Delhi News Daily

Font ResizerAa
Search
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Delhi News Daily > Blog > Entertainment > Delhi News: दिल्ली में स्ट्रीट डॉग की संख्या 10 लाख हो चुकी…एक साल पहले मिला था प्लॉट, लेकिन नहीं बना डॉग सेंटर – Delhi News Daily
Entertainment

Delhi News: दिल्ली में स्ट्रीट डॉग की संख्या 10 लाख हो चुकी…एक साल पहले मिला था प्लॉट, लेकिन नहीं बना डॉग सेंटर – Delhi News Daily

delhinewsdaily
Last updated: July 25, 2025 1:07 am
delhinewsdaily
Share
SHARE


MCD ने बीमार और जख्मी कुत्तों की देखभाल के अलावा काटने वाले कुत्तों को रखने के लिए DDA से जगह मांगी थी। एमसीडी का पशु विभाग दिल्ली में आवारा जानवरों से जुड़े मामले देखता है। एमसीडी के सभी 12 जोन में आवारा जानवरों की समस्या बेहद गंभीर है।

street dogs in Delhi but dog centre was not built
दिल्ली के 12 जोन में आवारा जानवरों की समस्या बेहद गंभीर
नई दिल्ली: एमसीडी ने बीमार और जख्मी कुत्तों की देखभाल के अलावा काटने वाले कुत्तों को रखने के लिए डीडीए से जगह मांगी थी। डीडीए ने एक साल पहले तेहखंड में 1000 वर्ग मीटर का प्लॉट एमसीडी को ट्रांसफर कर दिया था, लेकिन एमसीडी अब तक यहां डॉग सेंटर बनाने का काम शुरू नहीं कर पाई। इससे जहां बीमार और जख्मी स्ट्रीट डॉग की देखभाल नहीं हो पा रही है वहीं काटने वाले कुत्तों ने लोगों का जीना हराम किया हुआ है। इस मामले में लोगों को एमसीडी से भी कोई मदद नहीं मिल पा रही है।

12 जोन में आवारा जानवरों की समस्या बेहद गंभीर
एमसीडी का पशु विभाग दिल्ली में आवारा जानवरों से जुड़े मामले देखता है। एमसीडी के सभी 12 जोन में आवारा जानवरों की समस्या बेहद गंभीर है। वहीं एमसीडी अलग अलग जोनों में चल रहे 20 डॉग सेंटरों के माध्यम से हर साल में सैकड़ों स्ट्रीट डॉग की नसबंदी की जाती है। एमसीडी हर साल डॉग की नसबंदी करने पर 1.20 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करती है, लेकिन दिल्ली में इनकी संख्या पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

स्ट्रीट डॉग की संख्या 10 लाख हो चुकी
स्टैंडिंग कमिटी के मेंबर राजपाल सिंह ने स्ट्रीट डॉग के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस समय दिल्ली में स्ट्रीट डॉग की संख्या 10 लाख हो चुकी है। ऐसे में सवाल यह है कि स्ट्रीट डॉग की संख्या पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा है। इतना ही नहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने एक साल पहले एमसीडी को बीमार और जख्मी डॉग के लिए सेंटर बनाने का आदेश दिया था। इसके लिए एमसीडी को डीडीए से जगह भी मिल चुकी है। फिर भी सेंटर बनाने का काम शुरू नहीं हो पाया। इसलिए पूरे मामले की जांच के लिए तुरंत एक कमिटी का गठन किया जाना चाहिए।

नियमों में बदलाव करना होगा
एमसीडी के पशु विभाग का कहना है कि अभी तक एनीमल बर्थ कंट्रोल रूल 2023 में कटखने या बीमार स्ट्रीट डॉग को एक जगह से हटाकर उसे दूसरी जगह रखने का कोई नियम नहीं है। किसी भी डॉग को 10 दिन से ज्यादा दिनों के लिए आब्जर्वेशन में नहीं रखा जा सकता। अगर किसी डॉग में रेबीज के लक्षण है और उसे सेंटर में रखा जाता है तो 10 दिन में ही उसकी मौत हो जाएगी। 10 दिन से ज्यादा समय तक डॉग को सेंटर में रखने के लिए नियमों में बदलाव करना होगा।