दिल्ली में बाढ़ के पानी के कारण जंगली जानवर और रेंगने वाले जीव अपने बिलों से बाहर निकल रहे हैं, जिससे वे असामान्य जगहों पर दिखाई दे रहे हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस ने मयूर विहार-1 मेट्रो स्टेशन से एक गोह को बचाया। भारी बारिश के कारण ये जीव सूखी जगहों की तलाश में इंसानों के बीच पहुँच रहे हैं।

वन्यजीव संरक्षण संगठन ‘वाइल्डलाइफ एसओएस’ ने शुक्रवार को कहा कि मयूर विहार-1 मेट्रो स्टेशन के कर्मचारियों ने पैंट्री क्षेत्र में एक गोह (मॉनिटर छिपकली) को देखा और सहायता के लिए संपर्क किया। संगठन की ‘रैपिड रिस्पॉन्स यूनिट’ मौके पर पहुंची और गोह को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के बाद उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद उसे छोड़ने की तैयारी की गई।
बारिश और बाढ़ के कारण रेंगने वाले जीव बिल से बाहर आ जात हैं
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण रेंगने वाले जीव अपने प्राकृतिक वास से बाहर आ जाते हैं और सूखी जगहों की तलाश में इंसानों के बीच पहुंच जाते हैं। गोह बिल्कुल हानिरहित और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जरूरी प्राणी हैं लेकिन डर के कारण लोग इन्हें अक्सर खतरनाक समझ लेते हैं।
गोह जैसे जीव चूहों और कीड़ों की संख्या को नियंत्रित करते हैं
संगठन की सह-संस्थापक और सचिव गीता सेशामणि ने बताया कि गोह जैसे जीव चूहों और कीड़ों की संख्या को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि वे पारिस्थितिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन दुर्भाग्यवश लोग उनसे डरते हैं। अधिकारियों के अनुसार, संगठन की हेल्पलाइन पर रोजाना ऐसे फोन आ रहे हैं जिनमें घरों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थलों पर पानी भरने के कारण फंसे हुए रेंगने वाले जीवों की जानकारी दी जाती है।